IPL Betting in Bandhavgarh National Park: मध्य प्रदेश में बाघों के लिए प्रसिद्ध जंगल में आईपीएल के सट्टा (IPL Betting )  बाजार का खेल चल रहा था. बांधवगढ़ नेशनल पार्क के एक रिसोर्ट (Resort) से ऑपरेट हो रहे आईपीएल के सट्टा कारोबार का मध्य प्रदेश (MP Police) पुलिस ने खुलासा कर दिया है. यहां से गिरफ्तार 6 सटोरियों से सट्टे के धंधे में इस्तेमाल होने वाले करीब 55 लाख रुपये के सामान भी जब्त किए गए हैं. 


शहडोल में पदस्थ एडीजीपी डीसी सागर ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बफर एरिया में स्थित वाइल्ड टाइगर रिसोर्ट के रूम नंबर 406 व 407 में ठहरे पर्यटक आईपीएल का सट्टा खेलवा रहे थे. शनिवार की रात उमरिया मानपुर पुलिस ने छापामारी कर दोनों कमरों से पर्यटक बनकर ठहरे 6 सटोरियों को पकड़ा. उनके पास से लैपटॉप, 34 मोबाइल, दो टीवी, कार और साढ़े 5 हजार रुपये नगद पकड़े गए हैं. इसके साथ ही 30 लाख 71 हजार के सट्टे का हिसाब-किताब भी बरामद किया गया है.


पांच सटोरी जबलपुर के
पुलिस के मुताबिक सट्टे के उपयोग में आने वाली समग्री सहित कुल जब्ती 55 लाख की बताई जा रही है. पकड़े गये सटोरियों में पांच जबलपुर के और एक सिवनी का रहने वाला बताया जा रहा है. जंगल मे बैठकर ऑपरेट हो रहे सट्टे का मास्टरमाइंड जबलपुर का बताया जा रहा है.


मुखबिर की सूचना पर छापा
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल डीसी सागर ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर बांधवगढ़ के रिसोर्ट में छापा मारा गया था. छापे के दौरान जबलपुर के नीलकमल प्रजापति,आकाश राज, राजेश कुमार कुशवाहा,अजय चक्रवर्ती व नितिन केशरवानी और सिवनी का संदीप सराठे आईपीएल का सट्टा खिलाते हुए पकड़ा गया. कार्रवाई के दौरान वाईफाई डिवाइस से जुड़े 34 मोबाइल फोन बरामद किए गये. लैपटॉप में आकाश नाम की एम्पलीकेशन से आईपीएल क्रिकेट का सट्टा खिलाया जा रहा था.


जबलपुर है हॉट स्पॉट
पकड़े गये सटोरियों ने बताया कि सट्टे का मुख्य हॉट स्पॉट जबलपुर है. इस पूरे नेटवर्क के सरगना संजय यादव और राहुल जाटव हैं, जो कि शहर में रहकर आईपीएल के सट्टे का कारोबार ऑपरेट कर रहे हैं. उन्होंने पुलिस से बचने के लिए इन्हें बांधवगढ़ भेजा था. पुलिस का कहना है कि लैपटॉप व वॉइस रिकॉर्ड से पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा. रिसोर्ट से जब्त किए गये लैपटॉप, वॉइस रिकॉर्ड व फोन को कंट्रोल करने वाली कनेक्टिंग मशीन की जांच होगी. उसमें इस बात का खुलासा होगा कि सटोरियों का नेटवर्क जबलपुर, सिवनी के अलावा और किन जिलों में फैला हुआ था.


यह भी पढ़ें : MP News: कटनी में कलेक्टर के वजन से कांपने लगीं पानी टंकी की सीढ़ियां, अब तोड़ा जा रहा भ्रष्टाचार का निर्माण