jabalpur news :मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ (Bandhavgarh Tiger reserve) टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले में शावक की मौत हो गई है. टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के बिरुहली बीट के जुट्टा तालाब के पास संदिग्ध परिस्थिति में शावक का शव मिला है.  नर बाघ शावक की उम्र लगभग तीन माह बताई गई है. इसकी जानकारी मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए. 


बुलाया गया डॉग स्क्वायड
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि आज मंगलवार की सुबह बिरुहली बीट के जुट्टा तालाब के पास शावक का शव मिला है. उसकी उम्र लगभग तीन माह है. शावक की मौत दूसरे बाघ के हमले में होने की संभावना है. मौके पर डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया है. पूरे क्षेत्र की सर्चिंग करवाई जा रही है.


यहां बता दें कि मध्य प्रदेश बाघों की रक्षा करने में कमजोर साबित होता नजर आ रहा है. देश में पिछले साल कुल 107 बाघों की जान गई थी. इनमें सर्वाधिक 32 मौतें मध्य प्रदेश में हुई थी. हालांकिए साल 2021 के मुकाबले स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है. 2021 की तुलना में बाघों की मौत में कमी आई है. 2021 में देशभर में 127 टाइगर की जान गई थी, जिनमें 42 मध्य प्रदेश के थे. टाइगर कंजर्वेशन में कर्नाटक का रिकॉर्ड सबसे बेहतर है. कर्नाटक में टाइगर की संख्या 524 है, जो मध्य प्रदेश से सिर्फ 2 ही कम है. साल 2022 में कर्नाटक में सिर्फ 13 ही टाइगर की मौत दर्ज की गई थी. 


मध्य प्रदेश में है छह टाइगर रिजर्व
जानकारी हो कि मध्य प्रदेश में सर्वाधिक छह टाइगर रिजर्व हैं. यह देश में सबसे ज्यादा है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी एनटीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में 21 टाइगर की मौत इन्हीं टाइगर रिजर्व के अंदर हुई है. जबकि 11 टाइगर रिजर्व के बाहर मारे गए हैं. सर्वाधिक 7 टाइगर की मौत बांधवगढ़ नेशनल पार्क 6 की पेंच नेशनल पार्क 4 की, कान्हा नेशनल पार्क दो की संजय नेशनल पार्क डुबरी पन्ना और सतपुड़ा के भीतर 1-1 टाइगर की इस साल मौत हुई. कहा जा रहा है कि ज्यादातर मौतों की वजह एक्सीडेंटल या टेरिटोरियल फाइट है.


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