Bandhavgarh National Park News: मध्य प्रदेश के अंदर लगातार पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए विभिन्न जैव विविधता से जुड़े प्रयास किए जाते रहे हैं. इसी के अंतर्गत अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क में कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से 25 बारहसिंघा को लाया गया है. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत में अपने टाइगरों के लिए प्रसिद्ध उमरिया का बांधवगढ़ नेशनल पार्क आज से नए 25 बारहसिंघा की अठखेलियां का भी गवाह बनेगा.


ये विशेष प्रजाति के बारहसिंघा विलुप्ती की कगार पर हैं खड़ी प्रजाति से संबंध रखते हैं. इन  25 विशेष बारहसिंघाओं को कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से 26 मार्च को विशेष वाहन के द्वारा बांधवगढ़ नेशनल पार्क लाया गया जहां उन्हें पार्क में रखे विशेष बाड़े में छोड़ा गया.


बारहसिंघाओं के लिए पार्क में बनाया गया 50 हेक्टेयर का विशेष बाड़ा
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अंदर मगधी जोन में इन बारहसिंघाओं के लिए 50 हेक्टेयर का विशेष बाड़ा बनाया गया है जिसमें यह बारहसिंघा स्वतंत्र रूप से अपना जीवन यापन करेंगे. इन बारहसिंघाओं का आगमन बारहसिंघा पुनर्स्थापना परियोजना के तहत किया गया है. इस योजना के अंतर्गत अलग-अलग स्थानों से 100 बारहसिंघा बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लाए जाएंगे.






केवल काना किसली में पाये जाते हैं ये विशेष प्रजाति के बारहसिंघा
अभी प्रथम चरण में 25 बारहसिंघा को बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लाया गया है. यह बारासिंघा विशिष्ट प्रजाति के हैं जो कि दुनिया में केवल और केवल कान्हा किसली नेशनल पार्क में पाए जाते हैं. इनकी प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है इसीलिए इन्हें संरक्षित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न सघन वनों में इन्हें बसाने का प्रयास चल रहा है जिससे कि पर्यावरण संतुलन में मदद मिल सके और इनकी प्रजाति बनी रहे.


वन मंत्री विजय शाह ने बारहसिंघा को पुनर्स्थापना परियोजना के अंतर्गत बांधवगढ़ नेशनल पार्क में  लाए जाने का स्वागत किया और उन्हें उनके लिए बने बाड़े में भेजा.


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