Barkheda-Budni Ghat Tunnel: पश्चिम-मध्य रेलवे को इटारसी-भोपाल के बीच बरखेड़ा-बुधनी घाट सेक्शन पर सुरंग का निर्माण पूरी करने में सफलता मिल गई है. गौरतलब है कि दोनों स्टेशनों के बीच 26.50 किलोमीटर पीछे रेल लाइन परियोजना पर आरवीएनएल ने 5 सुरंगों में से 200 मीटर लंबी तीसरी सुंरग का निर्माण पूरा कर दोनों तरफ खोल दी गई है. रेलवे के इंजीनियरों के लिए यह प्रोजेक्ट बहुत ही चुनौतियों से भरा है. डीआरएम ने इस टनल का निरीक्षण कर पहाड़ों के बीच सुरंग का निर्माण करना पश्चिम-मध्य रेलवे के लिए बड़ी उपलब्धि बताई है.

 

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार घाट सेक्शन में पांच में से तीन सुंरग बन चुकी है. सुरंग एक की लंबाई 1080 मीटर, 5 की लंबाई 530 मीटर और सुरंग 3 की लंबाई 200 मीटर का निर्माण हो चुका है. वहीं टनल दो की लंबाई 200 मीटर और टनल 4 की लंबाई 140 मीटर का निर्माण प्रगति पर है. इन सुरंगों के निर्माण में अत्याधुनिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. वर्तमान समय में टनल के अंदर जैसे इनवर्ट सफाई, पीसीसी, नोफाइन कंक्रीट 315 मिमी व्यास वाले सेंट्रल ड्रेन और निचले हिस्से में गुणवत्ता वाली सामग्री लगाई गई है.

 



 

पर्यावरण संरक्षण के नियमों का भी किया गया है पूरा पालन

 

सबसे चुनौतीपूर्ण काम टनल 5 की 530 मीटर डबल टेक का निर्माण है, जिसमें 500 मीटर बिना किसी त्रुटि के पूर्ण करने में सफलता मिली है. टनल 4 और 5 में वन्य जीव अभ्यारण भी बनाया गया है. जिसमें पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पूरा पालन किया गया है. भोपाल मंडल के डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने कहा है कि बरखेड़ी-बुधनी घाट सेक्शन का कार्य प्रगति पर है. इस सेक्शन में निर्माण चुनौतीपूर्ण है, जिसे आसानी से कर पमरे को एक बड़ी उपलब्धि दिलाई है. तीसरी रेल लाइन के बन जाने से बीना से इटारसी तक गाड़ियों की गति बढ़ने के साथ ही क्षेत्र की भी प्रगति होगी.

 

एमपी में रेलवे पहली बार बनवा रहा 3 ट्रैक वाली सुरंग

 

रेलवे बरखेड़ा-बुदनी घाट सेक्शन में आधुनिक तकनीक से 5 आस्ट्रियन सुरंगों का निर्माण करा रहा है. इन 5 सुरंगों में 3 सुरंगें डबल ट्रैक वाली हैं. एमपी में यह पहला मौका है जब रेलवे 3 ट्रैक वाली सुरंग बनवा रहा है. इसके अलावा 20 अंडरपास और 5 ओवरपास बनाए जा रहे हैं. ट्रैक के बगल में जानवरों के लिए स्टॉप डैम बनाने का काम भी चल रहा है ताकि वो अपनी प्यास बुझा सकें. रेलवे ने वन्यजीवों की रक्षा के लिए सुरंग निर्माण का फैसला किया था.

 

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