Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में तेज और अंधाधुन गति से चल रहे स्कूली वाहन और उनका रख रखाव न होने के कारण हो रहे हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे है. वाहनों की तेज रफ्तार और वाहनों के रख रखाव में बरती जा रही स्कूल संचालकों के द्वारा लापरवाही का शिकार लगातार स्कूली बच्चे हो रहे हैं. इसके कारण मासूम बच्चों की जान पर बन आती है. वहीं कई बच्चे इसके शिकार हो जाते हैं और अपनी जान गवा देते हैं.
बड़वानी में स्कूल वैन में लगी आग
ऐसे ही भीषण सड़क हादसे का शिकार नेशनल हाईवे तीन पर बड़वानी जिले के जुलवानिया के समीप निजी स्कूल हिमालिया स्कूल की एक स्कूल वैन हुई. जो पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी है. हादसे के समय स्कूल वैन में स्कूल के बच्चे भी बैठे हुए थे. इन्हें ड्राइवर और ग्रामीणों ने सुरक्षित वैन से बाहर निकाल लिया. इससे कई बच्चों की जान बच गई तो वहीं एक बड़ा हादसा होने से टल गया. इसके बाद मौके पर क्षेत्रीय पुलिस ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.
उज्जैन में भी हुआ था हदसा
वाहनों की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही के चलते पिछले दिनों उज्जैन जिले में स्कूली वाहन की ट्रक से टक्कर हो जाने से चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी. तो वहीं बुरहानपुर जिले के इंदौर-इच्छापुर स्टेट हाइवे पर तेज गति से आ रही आयशर वाहन ने छात्र-छात्राओं से भरे ऑटो वाहन को टक्कर मार दी. इसके कारण तीन छात्राओं समेत एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस सब के बावजूद इस तरह की घटनाओं से सबक ना लेते हुए सरकार और प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है.
अधिकारियों की लापरवाही
गौरतलब है की सड़क हादसों के कारण हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. इसकी एक वजह यात्री बस या स्कूली वाहनों में संख्या से अधिक लोगों या स्कूली बच्चों के सवार होने के बावजूद भी ड्राइवरों द्वारा लापरवाही है. वहीं इस तरह की घटनाओं के शिकार आमजन व स्कूली बच्चे होते हैं. इसकी जानकारी जिम्मेंदार अधिकारियों को होने के बावजूद उनके द्वारा कोई कार्यवाही ना करते हुए वे सिर्फ और सिर्फ अपनी आंख मूंद कर बैठे रहते है. नतीजन ये होता है की इस तरह के हादसों का शिकार मासूम और निर्दोष बच्चे होते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ता है.
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