Basant Panchmi 2023: बसंत पंचमी पर भगवान महाकाल के मंदिर में उड़ा जमकर गुलाल, सदियों से चली आ रही है यह परंपरा
Mahakaleshwar: महाकालेश्वर मंदिर में बसंत पंचमी पर संध्याकालीन और शयन आरती में भगवान महाकाल के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है. यह गुलाल प्राकृतिक पद्धति से तैयार किया जाता है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में बसंत पंचमी पर भगवान महाकाल और भक्त के बीच जमकर गुलाल उड़ाया गया. भगवान की आरती में गुलाल उड़ा कर बसंत ऋतु का स्वागत किया गया. यह अनूठी परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है. बसंत पंचमी से बसंत पर्व की शुरुआत हो जाती है. गुरुवार को गणतंत्र दिवस के साथ-साथ बसंत पंचमी होने की वजह से भगवान महाकाल के दरबार में दोनों ही पर्व मनाए गए. महाकालेश्वर मंदिर में सुबह जहां भगवान महाकाल का तिरंगे से श्रृंगार किया गया. वहीं शाम को मंदिर में जमकर गुलाल उड़ाया गया.
महाकालेश्वर मंदिर के पंडित संजय शर्मा ने बताया कि सदियों से यहां यह परंपरा चली आ रही है. बसंत पंचमी पर संध्याकालीन और शयन आरती में भगवान के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है. यह गुलाल प्राकृतिक पद्धति से तैयार किया जाता है. फूलों को सुखाकर बसंत पंचमी के लिए गुलाल बनाया जाता है. इसके अलावा नंदी देवता को चंदन से सराबोर किया गया.
साल में 3 बार उड़ाया जाता है गुलाल
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी दिनेश बताते हैं कि महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में तीन बार गुलाल आरती होती है, यानी आरती में गुलाल उड़ाया जाता है. सबसे पहले बसंत पंचमी पर्व पर संध्या कालीन आरती में गुलाल उड़ाकर वसंत ऋतु का अभिनंदन होता है. इसके बाद होली और रंग पंचमी पर्व पर भगवान और भक्तों के बीच गुलाल उड़ाया जाता है. भक्त और भगवान के बीच गुलाल उड़ाने की इस परंपरा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.
चंदन और गुलाल लेकर पहुंचे श्रद्धालु
महाकालेश्वर मंदिर में जब गुलाल आरती होती है तो श्रद्धालु भी अपनी ओर से भगवान को अष्टगंध, चंदन और गुलाल अर्पित करते हैं. अहमदाबाद से आए श्रद्धालु सुशील कुमार ने बताया कि उन्हें बसंत पंचमी पर होने वाले आयोजन की जानकारी नहीं थी, लेकिन संध्या कालीन आरती में उनका मन खुश हो गया संध्या कालीन आरती भी भस्म आरती से कम नहीं थी. श्रद्धालु भरत शर्मा ने बताया कि वे बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान को गुलाल और चंदन अर्पित करने के लिए लेकर आए हैं. भगवान महाकाल के दरबार में बसंत पंचमी की परंपरा भी काफी अनूठी है.