Bhopal News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब पशुओं के इलाज के लिए पशुपालकों को परेशान होने की जरुरत नहीं है न ही पशुओं को अस्पताल ले जाने की जरुरत है. अब घर बैठे ही टोल फ्री नंबर 1962 लगाते ही घर पर ही पशुओं के इलाज के लिए एंबुलेंस आएगी. प्रदेश सरकार ने आज पशुओं के लिए इलाज के लिए 406 एंबुलेंस की सौगात दी है.


बता दें राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर आज परेड ग्राउंड पर आयोजित गौ रक्षा संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए. सीएम चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां (लाल परेड मैदान) पर 406 एंबुलेंस खड़ी हैं. इन एंबुलेंस में सभी सुविधाएं हैं. इसमें एक पशु चिकित्सक, पैरावेट, सहायक संचालक मौजूद रहेंगे. पशुओं के बीमार होने पर पशु पालकों को बस टोल फ्री नंबर 1962 लगाने की जरुरत है और एंबुलेंस उनके घर पहुंच जाएगी. सीएम ने कहा कि पिछले चुनाव में जब हमने संकल्प पत्र जारी किया था, तब हमने यह कहा था कि हम गौ माता के लिए एंबुलेंस सेवा प्रारंभ करेंगे. हम अपने संकल्प को आज पूरा करने जा रहे हैं. 


हर ब्लॉक के लिए होगी एक एंबुलेंस- सीएम चौहान


सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी प्रदेश में 406 एंबुलेंस की व्यवस्था की है, हर ब्लॉक में एक एंबुलेंस रहेगी. गौशाला से फोन आएगा तो एंबुलेंस पहुंचेगी यदि गौ पालक के घर से फोन आता है तो उसके दरवाजे पर तत्काल एंबुलेंस पहुंच जाएगी. सीएम चौहान ने इस अवसर पर 406 पशु एंबुलेंस को रवाना किया. 


गौवध पर सात साल की होगी सजा- सीएम चौहान


सीएम चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में गोवंश के वध पर प्रतिबंध लगाने काम किया गया है. यदि कोई गौ हत्या का पाप करेगा तो सीधे उस को सात साल की सजा दी जाएगी. मध्य प्रदेश सरकार ने यह कानून बना दिया है. बता दें राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान पर आयोजित सम्मेलन में बीजेपी के प्रभारी प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सांसद प्रज्ञा ठाकुर, महापौर मालती राय, गौ संवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष जितेन्द्र जामदार, पीएस पशुपालन गुलशन बामरा मौजूद रहे. 


स्वामी अखिलेश्वरानंद ने सीएम के सामने रखी पांच मांग


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री के समक्ष पांच मांगें रखी. जिनमें मनरेगा की सहायता से मध्य प्रदेश में तैयार गौशालाओं की पांच-पांच एकड़ जमीन अतिक्रमण की चपेट में है. इन्हें मुक्त कराएं. गौशालाओं में बिजली का बिल एक हजार रुपए कम कर दिया जाए. गौशालाओं में तैयार प्राकृतिक पेंट, गोनाइल का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी भवनों की पुताई सफाई में अनिवार्य कर दिया जाए. गौशालाओं में तैयार गौ उत्पादों प्रोम वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद के क्रय के लिए सरकारी विभाग वानिकी, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन जैसे विभागों को अनिवार्य किया जाए. अविभाजित मप्र में दस गौसदन हुआ करते थे, विभाजन के बाद दो गौसदन छत्तीसगढ़ में चले गए. आठ गौसदनों की मप्र के जंगलों में 67 सौ एकड़ जमीन मध्य प्रदेश में है. गौसदन भंग कर दिए गए, लेकिन गौसदनों की इस भूमि पर नए कलेवर में गौवंश वन विहार विकसित करें.


ये भी पढ़ें: MP: सिंडिकेट बनाकर जबलुपर में MRP से अधिक दामों पर बेची जा रही शराब, आबकारी विभाग ने लिया एक्शन