MP News: मध्य प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी हो या कांग्रेस की युवा वोट बैंक पर नजर है. यही कारण है कि दोनों ही दल रोजगार के मामले में इस वर्ग का दिल जीतने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. सत्ता पक्ष जहां रोजगार मुहैया कराने का दावा कर रही है तो वहीं विपक्ष नौकरी देने के नाम पर गड़बड़ी और रोजगार छीनने के आरोप लगा रहा है. 


युवा वोटरों पर बीजेपी-कांग्रेस की नजर


मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने में अभी करीब डेढ़ साल का वक्त है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में सियासी अखाड़ेबाजी तेज हो चली है. सत्ता में भाजपा है और शिवराज के नेतृत्व में सरकार चल रही है. सरकार युवाओं को लुभाने के लिए रोजगार को खासी अहमियत देने की कोशिश कर रही है. सीएम शिवराज चौहान का कहना है कि प्रदेश में हर महीने एक दिन रोजगार दिवस मनाया जा रहा है. सरकार ने जनवरी से अब तक तीन माहों में 13 लाख 63 हजार युवाओं को विभिन्न योजनाओं में बैंकों के माध्यम से रोजगार के लिए ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराया है.


सीएम शिवराज सिंह ने किया ये दावा


मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन की बहनें भी बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं. इनकी आमदनी हर महीने 10 हजार करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. स्व-रोजगार के साथ-साथ हम हर वर्ष एक लाख व्यक्तियों को शासकीय सेवा का अवसर देंगे. पुलिस की भर्ती में अब 50 प्रतिशत अंक केवल फिजिकल के होंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अधिक अवसर मिलेगा. 


विपक्ष के निशाने पर शिवराज सरकार


सरकार जहां रोजगार के अवसर और नौकरी देने की बात कर रही है तो वहीं आरक्षक भर्ती के अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी की बातें सामने आई है और कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा में रखे गए कर्मचारियों को हटाने का फैसला हुआ है. इसको लेकर विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस सीधे तौर पर सरकार के मंत्री तक को घेर रही है. 


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भर्ती को लेकर कांग्रेस का बड़ा आरोप


कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि पहले प्रदेश की जनता के मत को बेचकर लोकतंत्र का गला घोंटा था और बेटे के कॉलेज से पेपर लीक कराकर लाखों छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि व्यापम वर्ग तीन पेपर लीक में बड़ा खुलासा हुआ है, अपना जमीर बेचकर लोकतंत्र की हत्या करने वाले एक मंत्री पुत्र के सागर स्थित कॉलेज में इस महाघोटाले की नींव रखी गई और 10 लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. उन्होंने इस परीक्षा को रद्द करने की मांग की. 


इसी तरह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक ने ट्वीट कर कहा, "एमपी प्राथमिक षिक्षक पात्रता परीक्षा के वायरल हुए मोबाइल के स्क्रीन शॉट पर बड़ा खुलासा, एक मंत्री के कॉलेज का. इस खुलासे के बाद क्या मंत्री के कॉलेज पर बुलडोजर चलेगा" 


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