MP News: बैतूल में स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र के नाम पर 70 हजार रुपये मांगे जाने का मामला सामने आया है. कलेक्टर की जनसुनवाई में दो छात्राओं ने शाहपुरा के गुड शेफर्ड स्कूल की पोल खोल दी. उन्होंने आरोप लगाया कि निजी स्कूल संचालक ने 70 हजार रुपये की मांग की.


छात्राओं की शिकायत पर कलेक्टर ने टीसी निकलवाने के बाद स्कूल संचालक को चेतावनी दी. कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि पलक और परी ठाकुर सातवीं और आठवीं की छात्रा हैं. दोनों दूसरे स्कूल में पढ़ना चाहती थीं.


टीसी मांगने पर स्कूल संचालक आनाकानी करने लगा. दोनों छात्राओं ने कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की. शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने दोनों छात्राओं को आदिवासी कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त के साथ अपनी कार में 40 किलोमीटर दूर शाहपुरा भेजा.


कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को जाते समय दोनों छात्रों की समस्या दूर करने का आदेश दिया. सहायक आयुक्त के स्कूल पहुंचने पर हड़कंप मच गया. स्कूल संचालक ने फीस की बात को दरकिनार करते हुए दोनों छात्राओं का टीसी हाथ में दे दिया.


जनसुनवाई में कलेक्टर ने दिलाया दो छात्राओं को इंसाफ


कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने खास बातचीत के दौरान कहा कि दोनों छात्राओं ने दूसरे विद्यालय में एडमिशन भी ले लिया था. दोनों को टीसी नहीं होने की वजह से पढ़ाई में समस्या आ रही थी. उन्होंने जनसुनवाई में आकर शिकायत की थी. शिकायत के बाद दोनों छात्राओं को तत्काल न्याय दिलवाया गया है. मध्य यप्रदेश सरकार ने जनसुनवाई के माध्यम से समस्या का निराकरण करने की शुरुआत की थी. जनसुनवाई मध्य प्रदेश में प्रति मंगलवार होती है. कलेक्टर की समय पर कार्रवाई मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बन गयी है. 


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