Ujjain: 15 करोड़ का गबन करने की आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज पर कसा कानूनी शिकंजा, अब इस मामले में दर्ज हुई FIR
Ujjain Crime: पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज पर कैदियों को जेल में सुविधाएं देने के नाम पर उनके परिजनों को ब्लैकमेल करने का आरोप लगा है. इस मामले में उषा राज सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
MP NEWS: उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज के खिलाफ हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. सरकार के 15 करोड़ गबन करने के बाद अब उनके खिलाफ जेल में बंद कैदियों को सुविधा देने के नाम पर उनके परिजनों से ब्लैकमेलिंग करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में उषा राज सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
उषा राज पर सरकार के 15 करोड़ गबन करने का आरोप
गौरतलब है कि उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज और उनके कुछ सहयोगी कर्मचारियों ने बाहरी लोगों के साथ मिलकर सरकार को 15 करोड़ रुपए की चपत लगाई है. इस घोटाले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज, जेल प्रहरी रिपुदमन, जगदीश परमार, हरीश सहित कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
इस मामले का खुलासा होने के बाद एक और नया मामला सामने आया है जिसमें जेल में बंद कैदियों को सुविधा मुहैया कराने और उन्हें मनपसंद बैरक में रखने के लिए वसूली की जा रही थी. इंदौर के रहने वाले करण सिंह राणा ने इस मामले में भैरवगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
करण सिंह ने पुलिस को बताया कि उसके पिता गुरजीत सिंह 2018 से गंभीर अपराध में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. उन्हें जेल में प्रताड़ित नहीं करने के नाम पर पूर्व जेल अधीक्षक ऊषा राज, जगदीश परमार और जेल प्रहरी देवेंद्र सिंह ने उनसे 80000 की वसूली की. इसके अलावा सुविधा देने के नाम पर 10000 महीने की बंदी देने को कहा.
इस संबंध में शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए. इसके अलावा ऑडियो और वीडियो क्लिप भी सबूत के तौर पर दिखाए, जिसके बाद तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
बैरक बदलते ही हो जाती थी नोटों की बारिश
वैसे तो जेल जेल ही होती है लेकिन केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में दो अलग-अलग बैरक हैं, जिसमें "अ" बैरक कैदियों का मनपसंद है. जब भी कैदियों को परेशान किया जाना होता है या उनसे वसूली की जाना होती थी तो उन्हें दूसरे बैरक में डाल दिया जाता था.
इसके बाद अपराधियों के परिजन जेल अधिकारियों की जेब गर्म करवाते थे तब जाकर उनका बैरक चेंज किया जाता था. इसके अलावा अन्य कई सुविधाएं जैसे शैंपू, साबुन, ब्रश, कपड़े, खाना, फल, दूध, दवा आदि के नाम पर भी जमकर वसूली की जाती थी.
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