MP Kanwar Yatra News: राजनीति में सब जायज है. कुछ ऐसा ही नजारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा भेरुंदा में देखने में आया. दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान द्वारा गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी नीलकंठ घाट से भेरुंदा तक कावड़ यात्रा निकाली. इस कावड़ यात्रा में सैकड़ों की संख्या में कांवड़िए शामिल हुए. कार्तिकेय सिंह चौहान सहित कावड़िए 8 किलोमीटर की पदयात्रा कर भेरुंदा पहुंचे, जहां मनकामेश्वर मंदिर में भगवान शिव को कांवड़ का जल अर्पण किया गया.
इसके बाद कावड़ यात्रा भेरुंदा में जनसभा में तब्दील हुई. कार्यक्रम में भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा ने एक से बढक़र एक भजनों की प्रस्तुति दी गई. मंच पर बड़ा फ्लेक्स भी लगाया गया था, लेकिन खास बात यह रही कि मंच पर लगे इस फ्लेक्स में सीएम शिवराज सिंह चौहान, साधना सिंह चौहान, कार्तिकेय सिंह चौहान और सांसद रमाकांत भार्गव के फोटो तो थे, लेकिन भगवान शिव का ही फोटो नदारद था. भगवान शिव का फोटो नहीं होने से अब यह फ्लेक्स जन चर्चा का कारण बन गया है. इस मामले में कांग्रेस ने भी ट्वीट कर तंज कसा है.
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान द्वारा इस वर्ष भी कांवड़ यात्रा निकाली. कांवड़ यात्रा नीलकंठ घाट से प्रारंभ हुई जो भेरुंदा के मनकामेश्वर मंदिर पहुंची, जहां कार्तिकेय सिंह चौहान सहित कांवडिय़ों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. कांवड़ यात्रा में पूरे विधानसभा क्षेत्र से शिवभक्त शामिल हुए थे.
8 किमी पैदल चले कार्तिकेय
नीलकंठ घाट से प्रारंभ हुई कांवड़ यात्रा 8 किलोमीटर का सफर तय कर भेरुंदा पहुंची. इस दौरान कार्तिकेय सिंह चौहान सहित सभी कांवड़िए बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए, भजनों की धुन पर थिरकते हुए भेरुंदा पहुंचे. आठ किलोमीटर का पूरा रास्ता शिवमय नजर आया.
भेरुंदा में हुई जनसभा
नीलकंठ से चली कांवड़ यात्रा भेरुंदा में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद जनसभा में तब्दील हो गई. भेरुदा में विशाल मंच लगाया गया था. मंच पर ही विशाल भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा द्वारा हर-हर शंभू वाले भजन सहित अन्य भजनों की प्रस्तुति दी. हर-हर शंभू वाले भजन पर श्रोता जमकर झूमे.
कांग्रेस ने कसा तंज
सीएम पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान के इस धार्मिक आयोजन में की गई भगवान शिव की अनदेखी पर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस नेता पीयूष बबेले ने ट्वीट कर लिखा कि यह है कि शिवराज जी के संस्कार. कावड़ यात्रा के कार्यक्रम में शिवराज परिवार का चित्र तो है, लेकिन भगवान शिव का चित्र लापता है. सत्ता के अहंकार में राजा ईश्वर की जगह खुद की पूजा कराने लगता है और भक्तों पर जुल्म करने लगता है.
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