Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर के बरोदिया नोनागिर गांव में दलित परिवार के चाचा की हत्या के बाद भतीजी की आत्महत्या के मामले में राजनीति गरमाती जा रही है. अब तक पीड़ित परिवार के यहां शोक संवदेना व्यक्त करने के लिए कांग्रेस-बीजेपी के नेता पहुंचे थे, लेकिन अब भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे.
इस दौरान चंद्रशेखर आजाद ने मांगों से संबंधित ज्ञापन एसडीएम को दिया और मांगे पूरी हो इसके लिए 20 जून का अल्टीमेटम भी दिया. उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने पर 21 जून से आंदोलन की चेतावनी दी है. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने मृतका अंजना के परिजन से मुलाकात की. सबसे छोटे भाई लालू अहिरवार को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उनकी मां, भाई विष्णु, रोहित अहिरवार से घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली.
चंद्रशेखर ने इस मामले को लेकर एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को ज्ञापन भी सौंपा. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच, 50 लाख का मुआवजा, शासकीय नौकरी आदि की मांग की है. चंद्रशेखर राव ने चेतावनी दी है कि यदि 20 जून तक मांगे पूरी नहीं हुई तो 21 जून को आंदोलन शुरू करेंगे. उन्होंने युवाओं से तैयारी के साथ आने को कहा है.
सीएम मोहन यादव, जीतू पटवारी भी पहुंचे
बता दें घटना के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मृतिका अंजना की अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे. इसके अगले दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे और उन्होंने परिजनों की राहुल गांधी से फोन पर बताई भी कराई. इसके बाद अगले दिन सीएम मोहन यादव भी पीड़ित परिवार के यहां पहुंचे और परिजनों से बात की. सीएम मोहन यादव ने गांव में पुलिस चौकी खोलने के निर्देश दिए थे. बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं के बाद अब भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी पीड़ित परिवार के यहां पहुंचे हैं.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 26 मई की शाम बरोदिया नौनागिरी की है. यहां 23 वर्षीय अंजना अहिरवार ने गाड़ी से कूदकद आत्महत्या कर ली थी. वह मुंह बोले चाचा राजेन्द्र अहिरवार का शव लेकर गांव लौट रही थी. गाड़ी में मृतक राजेन्द्र के माता-पिता और एक पुलिस जवान भी मौजूद था. जबकि गांव से 20 किलोमीटर पहले खुर्द में अंजना ने शव की गाड़ी का गेट खोला और छलांग लगा दी थी. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
2019 से चला आ रहा था विवाद
पीड़ित परिवार के अनुसार 24 अगस्त 2023 की शाम आरोपी पक्ष नितिन अहिरवार के घर पहुंचा था, जहां वर्ष 2019 के पुराने छेड़छाड़ के मामले में राजीनामा करने का दबाव बनाया गया. इसके बाद बरोदिया नौनागिर बस स्टैंड के पास मृतक अंजना के भाई लालू उर्फ नितिन अहिरवार के साथ मारपीट की. मारपीट में आई गंभीर चोट से उसकी मौत हो गई थी.
इस मामले में पुलिस ने नौ नामजद सहित चार अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था. इसी मामले में मृतक राजेन्द्र अहिरवार और मृतका अंजना अहिरवार गवाह थे. पीड़त परिवार का आरोप है कि गवाही नहीं देने का दबाव बनाया जा रहा था. गवाही नहीं देने को लेकर राजेन्द्र की हत्या कर दी गई, जबकि खौफजदा अंजना ने भी आत्महत्या कर ली.
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