Bhind Hospital Viral Video: मध्य प्रदेश में कई सालों तक लगातार कायाकल्प अवार्ड जीतकर राज्य में नंबर वन रहा भिण्ड जिला अस्पताल अब बदहाल होता जा रहा है. आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में नाकाम जिला अस्पताल की बदहाली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एक महिला स्ट्रेचर के अभाव में अपने जख्मी पति को पीठ पर लादकर ट्रामा सेंटर से सर्जिकल वार्ड तक ले जाती दिख रही है.


मामला सामने आने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन ने अस्पताल प्रबंधक को शोकाज नोटिस जारी कर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कही है, जानकारी के अनुसार कल शनिवार 13 (जुलाई) के दिन एक महिला अपने पति के इलाज के लिए जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंची थी, जहां पर डॉक्टर्स को दिखाने के बाद पति को सर्जिकल वार्ड तक ले जाने के लिए उसे स्ट्रेचर या व्हीलचेयर नहीं मिला.




पति को पीठ पर लादकर सर्जिकल वार्ड तक पहुंची महिला


स्ट्रेचर के अभाव में महिला ने पैर से फ्रैक्चर अपने पति को पीठ पर लादकर ट्रॉमा सेंटर से लगभग 50 मीटर दूर सर्जिकल वार्ड तक ले गई, जहां पर इलाज के बाद वह घर ले गई. पीठ पर लादकर पति को ले जाते समय किसी ने महिला का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन लोगों के निशाने पर है और लोग सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल कर रहे हैं.


अस्पताल प्रबंधक को शोकाज नोटिस


हालांकि मरीज और अटेंडर महिला का पता नहीं लग सका है कि वह कौन थी और कहां से आई थी. वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस यादव ने माना है कि वायरल वीडियो देखने के बाद जब वो ट्रॉमा सेंटर पहुंच कर जायजा लिया तो मौके पर स्ट्रेचर अथवा व्हीलचेयर मौजूद नहीं था, क्योंकि मरीज ले जाकर जहां तक जरूरत होती है, वहां छोड़ देते हैं.


इसे वापस लाकर उसी जगह पर रखने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधक की होती है. अस्पताल प्रबंधक साकेत चौरसिया को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.


भिण्ड कलेक्टर ने वायरल वीडियो पर क्या कहा?


उधर, वायरल वीडियो पर भिण्ड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने संज्ञान लिया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई. वायरल वीडियो 12 जुलाई का है, जिसमें पैर में फैक्चर मरीज ट्रामा सेंटर में व्हीलचेयर पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है. साथ ही बाहर भी बैठा है तो उसके पीछे स्ट्रेचर भी रखा दिखाई दे रहा है. 


कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि मरीज एक्सरे कराने के लिए ज़िला अस्पताल गया था, वहां से वापस आते समय उसकी साथी अटेंडर महिला ने आसपास व्हीलचेयर अथवा स्ट्रेचर ना देखते हुए मरीज़ को पीठ पर लेकर चलने लगी है, जिसका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया है. सीसीटीवी में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अस्पताल में स्ट्रेचर अथवा व्हीलचेयर की कोई कमी अथवा दिक्कत नहीं है.


ये भी पढ़ें:


इंदौर में एक प्राइवेट टीचर से 1.60 लाख रुपये की ठगी, 'इन्वेस्टमेंट प्रॉफिट' के नाम पर साइबर फ्रॉड