MP Lumpy Virus News: देशभर में गायों के लिए काल बना लंपी वायरस (Lumpy Virus) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) में कहर बरपाने के बाद मध्य प्रदेश में भी एंट्री कर गया. राजस्थान और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा मध्य प्रदेश से लगती है. यही वजह है कि लंपी वायरस मध्य प्रदेश में भी प्रवेश कर गया. भिंड जिले के शहरी क्षेत्र के अलावा भिंड गोहद मेहगांव और लहार के कई गांवों में लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश मिलने शुरू हो गए. जिले भर में 35 गोवंश की पहचान संक्रमित बीमारी से हुई. जिला प्रशासन ने भिंड की श्री कृष्ण गौशाला, मेहगांव, गोहद और लहार में संक्रमित गायों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाये. साथ ही गायों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी. 


प्रशासन फैलाएगी जागरूकता


डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी के लिए पशुपालकों को जागरूक होना अति आवश्यक है. जिला प्रशासन लंपी वायरस से बचाव के लिए पेंप्लेट और बैनर छपवा कर प्रत्येक विकासखंड में चस्पा कराएगी. लंपी वायरस से ग्रस्त गोवंश को एंटीबायोटिक दवाइयां दे कर बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. भिंड के पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ रघुवीर सिंह का कहना है कि लंपी वायरस से ग्रस्त जानवर सबसे पहले चारा छोड़ेगा, उसका तापमान बढ़ जाता है. शरीर पर गांठे दिखाई पड़ेंगे. आंखों से पानी आना शुरू होगा.


रोग से ग्रसित होने के वाले गोवंश में तीन-चार दिन में लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं. डॉक्टर्स का मानना है कि यदि किसान के पास कई जानवर हैं और एक पशु लंपी वायरस से ग्रस्त हुआ है तो अन्य जानवरों के अगर इम्यून सिस्टम मजबूत हैं तो उनमें वायरस नहीं पहुंचेगा या उसका असर नहीं होगा.


डॉक्टर्स ने पेस्टिसाइड छिड़काव की सलाह दी


डॉक्टर्स ने बताया कि बीमारी से बचाव के लिए पशु के आसपास पेस्टिसाइड का छिड़काव करना चाहिए. मच्छरों और मक्खियां इनफेक्टेड जानवर में एक से दूसरे में वायरस फैलाने में बड़ी भूमिका निभाती है. इससे बचाव आवश्यक है. इनफेक्टेड जानवर के आसपास फिनायल, डीडीटी का छिड़काव करना चाहिए. यह बीमारी पशुओं से इंसान में फैलने वाली नहीं है. इससे इंसान पूरी तरह सुरक्षित है. लंपी वायरस से ग्रस्त गाय के दूध का सेवन भी नुकसानदेह नहीं है.


Singrauli Murder Case: सिंगरौली में करोड़ों की लालच ने बेटे को बनाया कातिल, मां की हत्या कर संपत्ति के कागजात ले भागा


MP: भिंड में परिजनों को मीटिंग में नहीं जाने देने पर पंचायत सदस्यों का हंगामा, CEO की हटाने की मांग