Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में इन दिनों पोषण आहार घोटाला (Nutrition Diet Scam) प्रमुख मुद्दा बन चुका है. इस बीच भिंड (Bhind) जिले में भी करोड़ों का घोटाला होने का दावा मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह (MP Leader of Opposition Dr Govind Singh) ने किया है. उन्होंने कोविड की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन अवधि में महिला बाल विकास विभाग के प्रभारी डीपीओ अब्दुल गफ्फार खान और बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से रेडी टू ईट और टेक होम राइस के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है.
क्या कहा नेता प्रतिपक्ष ने
दरअसल नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया में इस मुद्दे को उठाते हुए कई गम्भीर आरोप लगाए है. डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि भिंड जिले में पोषण आहार का बड़ा घोटाला हुआ है. उनसे कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने बताया है कि उनके यहा पोषण आहार आता ही नहीं तो बांटा कहां से जाएगा. वहीं उन्होंने महिला बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए मोबाइल खरीदी में भी घोटाले की बात कही है.
विधानसभा में उठाया था सवाल-नेता प्रतिपक्ष
डॉक्टर गोविंद सिंह ने बताया कि विधानसभा में पिछले साल 24 फरवरी 2021 में सत्र के दौरान सवाल उठाया था कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के लहार ब्लॉक में मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक कितना पोषण आहार आंगनवाड़ियों में वितरित किया गया जिस बात का जवाब खुद सीएम शिवराज द्वारा 24 फरवरी 2021 को देकर बताया गया था कि सिर्फ लहार अनुभाग में 5 करोड़ 99 लाख रुपय का रेडी टू ईट भोजन वितरण किया गया.
लहार में 13 करोड़ का घोटाला-नेता प्रतिपक्ष
सिंह ने आगे बताया कि,वहीं 7 करोड़ 19 लाख 13 हजार रुपय का टेक होम राइस बांटा गया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के “उन चार महीनों में जब देश भर में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था और सभी अपने घरों में बंद थे उस दौरान भिंड में डीपीओ अब्दुल गफ्फार ने सिर्फ लहार में अकेले 13 करोड़ 18 लाख रुपय से ज्यादा का पोषण आहार बांट दिया. उन्होंने क्या इसके लिए रोबोट लगाए थे”
जिले में होगा बड़ा घोटाला-नेता प्रतिपक्ष
इतना ही नही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक अकेले ब्लॉक में 13 करोड़ तो पूरे जिले में कितना बड़ा घोटाला होगा. वहीं पोषण आहार में लड्डू और सत्तू पर विधानभवन में पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सज्जन वर्मा ने पूछा था कि लॉकडाउन के शुरुआती चार महीने में प्रदेश में कितना लड्डू और सत्तू बांटा गया जिसके जवाब में बताया गया कि मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक पड़ोसी मुरेना जिले में 20,399 क्विंटल लड्डू और सत्तू बांटा गया जिसका व्यय कुल 7 करोड़ 95 लाख रुपय था जबकि भिंड जिले में सिर्फ 9,000 क्विंटल वितरण किया गया जिसका भुगतान 5 करोड़ 70 लाख रुपय किया गया.
सदन में सरकार को घेरेंगे-नेता प्रतिपक्ष
सिंह ने आगे कहा, ऐसे में दोनों जिलों में भुगतान का अंतर साफ देखा जा सकता है जो खुद घोटाले की पोल खोल रहा है. ऐसे में पोषण आहार के मामले में पूरे प्रदेश में 2 अरब 8 करोड़ 39 लाख रुपय से ज्यादा का घोटाला है. डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि आने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस इस पोषण आहार घोटाले पर सदन में सरकार को घेरेगी और इस मुद्दे को पूरी दम से उठाया जाएगा.