Madhya Pradesh News: पुलिस द्वारा अपराधियों के जुलूस निकालने पर लंबे समय से रोक लगी हुई है लेकिन रविवार को मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) शहरी क्षेत्र में तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस (Bhind Police) द्वारा उनका जुलूस निकाला गया. मामला मंत्री के मोहल्ले में फायरिंग की घटना (Firing Incident) से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, मीरा कॉलोनी के रहने वाले फरियादी विमल दुबे द्वारा 26 अक्टूबर को कोतवाली पुलिस में शिकायत की गई थी कि रात करीब 8.30 बजे के आसपास वह अपने घर के बाहर दोस्त संजय सेथिया से बातचीत कर रहा था, इसी दौरान वहां तीन लोग बाइक से आकर रुके.
शिकायत में आगे कहा कि, बाइक बंटू दुबे चला रहा था और बीच में गोपाल शुक्ला के साथ बॉबी उर्फ बिल्ला बैठा था. रुकने के बाद गोपाल शुक्ला ने पुरानी रंजिश के चलते फरियादी से गाली-गलौज की. जब उनसे गालियां देने से मना किया तो तीनों आरोपी विवाद करने लगे. इसी बीच बॉबी उर्फ बिल्ला ने अपने हाथ में लिये कट्टे से फायर कर दिया और तीनों मौके से फरार हो गये.
आरोपी के खिलाफ पहले से पांच केस दर्ज
वहीं घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और फरियादी की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. शिकायत के बाद से लगातार पुलिस पर आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव था, क्योंकि घटना स्थल पर मीरा कॉलोनी प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का भी घर है. पुलिस के मुताबिक इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी. जांच में सामने आया कि आरोपी बॉबी बिल्ला अपराधी है, जिसके खिलाफ शहर कोतवाली में पूर्व में भी पांच मामले दर्ज हैं.
शहर में निकाला जुलूस
साथ ही अन्य दो आरोपियों की भी पहचान कर ली गई. इसके बाद मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया. शनिवार रात पुलिस को आरोपियों के लोकेशन की जानकारी मुखबिर द्वारा मिली. इसके बाद दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बात गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं रही. रविवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों को हथकड़ी लगाकर शहरभर में जुलूस निकाला, साथ ही उनसे नारे भी लगवाये. इसकी तस्वीरें मीडिया के कैमरे में भी कैद हो गईं.
जुलूस निकालने पर पाबंदी
बता दें कि 26 नवम्बर 2020 को आदेश जारी करते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा आपराधिक मामलों के आरोपी, संदेही और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों का किसी भी परिस्थिति में आम जनता के बीच जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी गई थी. बावजूद इसके भिंड पुलिस द्वारा इन आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए आरोपियों का गली-मोहल्ले में जुलूस निकालते हुए 'अपराध करना पाप है' के नारे लगवाए गए. हालांकि पुलिस अधिकारी ने जुलूस और नारों की बात को कैमरे के सामने नकारते हुए बताया कि वे तो आरोपियों को घटनास्थल की शिनाख्त करने के लिए लेकर गए थे.