Bhind Muktidham: भिंड जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली 2 दिन के अंदर दो तस्वीरें सामने आई हैं जहां बारिश के चलते अपनों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में ना होने के चलते एक जगह त्रिपाल लगाकर तो दूसरी जगह पाइप और टीन के तख्ते लगाकर किया गया. दरअसल भिण्ड जिले के गौहद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाराहेड के मानपुरा में तिरपाल लगाने के बाद एक वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार हो सका. वहीं दूसरी ओर भिंड से कुछ भी दूर पर बसे चौकी गांव में 21 सितंबर को एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार पाइप और टीन के तख्ते लगाकर करना पड़ा.
मानपुरा गांव निवासी वृद्ध महिला कैलाशी बाई का मंगलवार को निधन हो गया तो उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पर ले गए. बारिश लगातार होने की वजह से गांव से श्मशान घाट तक रास्ता न होने के कारण परिजन शव को लगभग 500 मीटर दूर कीचड़ में ले गए जहां शमशान घाट पर टीनशेड न होने की वजह से परिजनों को तिरपाल ऊपर तान कर खड़े होकर अंतिम संस्कार करना पड़ा.
जबकि सरकार पंच परमेश्वर और मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए खर्च करती है. सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत जहां हर वर्ष हर पंचायत में लाखों रुपयों का काम होता है लेकिन यह काम केवल कागजों तक सीमित रह जाता है. आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां आज तक न तो शमशान घाट पर टीनशेड लगाया है न ही वहां तक पहुंचने के लिए रोड है.
कुछ माह पहले भी अजमेर गांव से श्मशान ना होने के चलते सड़क पर अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तब भिंड कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर तत्काल श्मशान बनाने के आदेश जारी किए थे और जिले के सभी ग्राम पंचायतों में नवंबर तक मुक्तिधाम निर्माण करवाने के निर्देश दिए थे लेकिन शासन के आदेश की धज्जियां निचले स्तर पर किस प्रकार उड़ाई जाती है इसकी यह बानगी एक बार फिर बरसात के चलते फिर सामने आ गई है.
वहीं जिला पंचायत सीईओ जेके जैन का कहना है कि आने वाले 1 नवंबर तक सभी ग्रामों में मुक्तिधाम बन जाएंगे और आज सामने आए इन दोनों मामलों में जांच कराई जा कर के दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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