MP News: आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के उद्देश्य हर-घर तिरंगा फहराने का आदेश जारी किया गया है. भिंड जिले के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस आदेश को कमाई का जरिया बना लिया गया है.  प्रत्येक पंचायत सचिव से पांच-पांच हजार रुपये नगद जमा करने का फरमान गोहद जनपद पंचायत सीईओ द्वारा ग्रुप पर पोस्ट किया गया है. इस तरह की धन उगाही के आदेश के बाद कुछ पंचायत सचिवों द्वारा मैसेज को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. मैसेज वायरल के बाद जिला प्रशासन के हाथ पैर फुले और उन्होंने जनपद सीईओ दिनेश शाक्य को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है.


सरकार ने दिया था आदेश
दरअसल, सरकार द्वारा 11 अगस्त से 17 अगस्त 2022  तक घर-घर तिरंगा फहराने का आदेश नगर पालिका, नगर परिषद और पंचायतों को सरकार की मंशा के अनुरूप दिया गया था. जिसको गोहद जनपद सीईओ दिनेश शाक्य द्वारा धन उगाही का जरिया बनाकर पंचायत सचिवों को नगद 5000 जमा करने का व्हाट्सएप ग्रुप पर आदेश जारी कर दिया. वहीं मैसेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गोहद जनपद सीईओ दिनेश शाक्य के मोबाइल नंबर 94 259 76522 पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन लगातार स्विच ऑफ आता रहा. वहीं एसडीएम शुभम शर्मा ने कुछ बताने से साफ मना कर दिया.


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प्रत्येक ग्राम पंचायत में 250 बड़े झंडे खरीदने के दिए गए हैं निर्देश
 जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने कहा कि शासन के निर्देश पर हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक नगर और ग्राम पंचायत में विधवा विकलांग गरीब और वृद्धजनों के घरों पर मुफ्त तिरंगे लगाए जाने के लिए पंचायत निधि का उपयोग किया जा सकता है. जिसमें प्रत्येक पंचायत में 250 बड़े झंडों को खरीद करने के निर्देश दिए हैं. इन तरंगों की खरीदी के लिए सभी परिषद. नगरपालिका और जनपदों में संकुल समितियों से संपर्क कर झंडे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. बड़े झंडे की अनुमानित क्रय राशि 16 से 20 रुपये रखी गई है. जिसका भुगतान पंचायत और निकाय निधि से ही किया जाना तय किया गया है.


चार लाख से अधिक रकम वसूलने की थी तैयारी
वहीं जिला पंचायत सीईओ जे के जैन ने बताया कि जिला पंचायत से किसी भी प्रकार के झंडों के वितरण का कार्यक्रम नहीं था. जनपद पंचायत सीईओ दिनेश शाक्य द्वारा वसूली का मैसेज सचिवों के व्हाट्सएप ग्रुप पर फॉरवर्ड करने के मामले में उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद संतोषजनक जवाब ना आने के कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि जनपद पंचायत गोहद में 88 पंचायतों से साढ़े चार लाख की वसूली का लक्ष्य था. प्रत्येक पंचायत सचिव से पांच-पांच हजार रुपये की वसूली होती तो 88 पंचायतों से चार लाख चालीस हजार की रकम की उगाही होती.


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