Bhind News: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय कैंपस स्थित डीएसपी हेड क्वॉर्टर अरविंद शाह के ऑफिस में एक जवान ने गुस्से में अपनी वर्दी फाड़ दी. साथ ही ऑफिस के बाहर निकल कर जमकर हंगामा किया. हंगामे के दौरान पुलिस के अधिकारी जवान को समझाते बुझाते नजर आए. 


दरअसल, पुलिस जवान के परिजनों द्वारा दूसरे पक्ष से किए गए लेन-देन का विवाद गांव के ही कुछ लोगों से चल रहा था. बताया गया कि पुलिस जवान का उधारी का पैसा मांगने आए लोगों से विवाद हो गया था. विवाद के दौरान पुलिस जवान ने उधारी का पैसा लेने आए व्यक्ति का मोबाइल छीनते हुए उसे धमकी दे दी. इस बात की शिकायत डीएसपी हेडक्वॉर्टर अरविंद शाह के पास आई थी. 


डीएसपी के सवाल पूछते ही भड़क गया आरक्षक
डीएसपी हेडक्वॉर्टर ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस जवान सुल्तान सिंह ओर शिकायतकर्ता को ऑफिस बुलाया और पुलिस जवान को डांटते हुए डीएसपी अरविंद शाह ने पुलिस आरक्षक से पूछा- 'तुमने मोबाइल कैसे छीना?' बस ये बात जवान को खटक गई और वह आक्रोशित हो गया.


आक्रोशित आरक्षक ने डीएसपी चैंबर में ही वर्दी फाड़ दी और बाहर निकल कर ड्रामा करने लगा. पुलिस अधीक्षक कार्यालय कैंपस में हंगामा होते देख एडिशनल एसपी कमलेश कुमार खरपुसे भी मौके पर आ गए. पुलिस आरक्षक का हाई वोल्टेज ड्रामा एसपी ऑफिस में करीब ढाई घंटे चलता रहा.


उधार के पैसे मांगने पर छीन लिया मोबाइल
दरअसल, शिकायतकर्ता संदीप राठौर और आरक्षक सुल्तान सिंह का परिवार उत्तर प्रदेश के जालौन जिले का रहने वाला है. वहां आरक्षक सुल्तान सिंह के परिवार ने संदीप से पैसे उधार लिये थे जो समय सीमा निकलने के बाद भी चुका नहीं पा रहा था. पैसा मांगने के लिए संदीप सिंह आरक्षक सुल्तान सिंह के पास पुलिस लाइन पहुंचा. पैसे मांगने की बात सुनते ही आरक्षक सुल्तान सिंह ने विवाद खड़ा कर दिया और संदीप राठौड़ का मोबाइल छीन कर उसे धमकी देने लगा. 


इसकी शिकायत लेकर संदीप राठौड़ डीएसपी हेडक्वॉर्टर के पास पहुंचे थे. इसके बाद दोनों पक्षों को डीएसपी अरविंद साहनी ने अपने ऑफिस बुलाया और मामले को समझ ही रहे थे कि आरक्षक भड़क गया. 


आरक्षक ने बताया उधार चुकाने के लिए पैसे नहीं बचे
सुल्तान सिंह ने वर्दी फाड़कर हंगामा कर दिया. आरक्षक का कहना था कि उसका परिवार संदीप सिंह का ब्याज चुकाते-चुकाते कंगाल हो चुका है और उसकी जमीन तक बिक गई है और देने के लिए अब उसके पास पैसा नहीं है.


पुलिस आरक्षक ने हंगामे के दौरान अधिकारियों पर अपने ही विभाग के कर्मचारी की बात न सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अपने कर्मी की ही बात नहीं सुन रही है. ऐसे में वर्दी पहनने का क्या फायदा है? हालांकि डीएसपी ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस आरक्षी के खिलाफ प्रतिवेदन बनाकर अग्रिम कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को भेज दिया है. 


आरक्षक पहले भी हो चुका है निलंबित
गोरतलब है कि आरक्षक सुल्तान सिंह पहले भी विवादों में घिर चुका है. दो महीने पहले भी उसपर पुलिस लाइन से डीजल चोरी करने का आरोप लगा था. इस पर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान द्वारा आरक्षक को निलंबित कर दिया गया था. कुछ दिन पहले ही निलंबन के बाद उसे बहाल किया गया था.


यह भी पढ़ें: Gwalior News: पति को हफ्ते में 3-3 दिन दो पत्नियों के साथ रहने का आदेश, संडे के लिए कोर्ट ने सुनाया ये फैसला