Bhind: भिंड का बुढ़वा मंगल मेला होगा सिंगल यूज प्लास्टिक से फ्री, प्रशासन ने की तैयारी
इस बार प्रशासन के साथ ही मंदिर ट्रस्ट और प्रबंधन ने भी प्रकृति और अध्यात्म को जोड़ने वाला एक नया कदम उठाया है. महंत रामदास महाराज ने इस साल से दंदरौआ धाम को प्लास्टिक फ्री बनाने का संकल्प लिया है.
भिंड (Bhind) के प्राचीन हनुमान मंदिर दंदरौआ धाम (Dandraua Dham) में हर बार की तरह इस बार भी बुढ़्वा मंगल मेला (Budhawa Mangal Fair) लगने वाला है. इस बार मेला प्लास्टिक फ्री रहेगा. आने वाले 6 सितंबर को बुढ़वा मंगल पर्व मनाया जाएगा. देश के सभी बड़े हनुमान मंदिरों में श्रद्धालु भगवान हनुमान का दर्शन करने पहुचेंगे. भिंड के मेहंगाव में स्थित प्राचीन प्राचीन हनुमान मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. जिला प्रशासन और पुलिस मेला की व्यवस्थाएं बनाने में जुट गए हैं.
मेला प्लास्टिक फ्री बनाने का संकल्प
इस बार प्रशासन के साथ ही मंदिर ट्रस्ट और प्रबंधन ने भी प्रकृति और अध्यात्म को जोड़ने वाला एक नया कदम उठाया है. मंदिर के महंत रामदास महाराज ने इस साल बुढ़्वा मंगल पर्व से दंदरौआ धाम को प्लास्टिक फ्री बनाने का संकल्प लिया है. महंत रामदास महाराज ने कहा कि पर्यावरण को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है.
रामदास महाराज के मुताबिक बुढ़्वा मंगल के दिन दंदरौआ धाम में विशाल मेला लगता है. मंदिर के रास्ते में भक्तगण भंडारा और लंगर का स्टॉल लगाते हैं. वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक के ग्लास, प्लेट में प्रसादी या पानी के पॉली पैक पाउच का वितरण करते हैं. बाद में उनका इस्तेमाल होने पर यही प्लास्टिक और पॉलिथीन कचरा के रूप में चारों ओर बिखरा दिखाई देता है.
चारों ओर दिखता है प्लास्टिक का कूड़ा
प्रबंधन ने मंदिर परिसर को वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक फ्री करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की सोच के साथ श्रद्धालुओं से भी वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने की अपील की है. पुलिस ने बुढ़वा मंगल पर लगनेवाले मेला का रूट चार्ट तैयार किया है. मंदिर तक जाने के लिए तीन पार्किंग पॉइंट बनाए गए हैं.
ग्वालियर और गोहद से आने वाले श्रद्धालुओं को तीन किमी पहले मंगरौल में वाहन खड़े करना होंगे. भिंड-मेहगांव की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर से तीन किमी पहले चिरौल गांव के पास पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े कर पैदल दर्शन के लिए पहुंचना होगा. मालूम हो कि हर वर्ष की तरह इस साल भी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, समेत आसपास के जिलों से 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.