Bhojshala: मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में होगा ASI का सर्वे, हाई कोर्ट ने दी इजाजत
Bhojshala ASI Survey: वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इंदौर हाई कोर्ट ने सर्वे का आदेश दे दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर हाई कोर्ट का आदेश शेयर करते हुए दावा किया.

Bhojshala News: मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में एएसआई का सर्वे होगा. इसके लिए हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है. वकील विष्णु शंकर जैन ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि इंदौर हाई कोर्ट ने उनकी अपील पर सर्वे की इजाजत दे दी है. धार जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, राजा भोज (1000-1055 ई.) परमार राजवंश के सबसे बड़े शासक थे. उन्होंने धार में यूनिवर्सिटी की स्थापना की. इसे बाद में भोजशाला के रूप में जाना जाने लगा.
मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित किया- सरकारी वेबसाइट
भोजशाला को सरस्वती मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. वेबसाइट के मुताबिक,इस मंदिर को बाद में यहां के मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया. इसके अवशेष अभी भी प्रसिद्ध कमाल मौलाना मस्जिद में देखे जा सकते हैं.
My request for Asi survey of bhojshala/dhar in madhya pradesh is allowed by indore high court. Maa vag devi ki jai pic.twitter.com/GxNVDWANZP
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) March 11, 2024
सरकारी वेबसाइट के मुताबिक, मस्जिद में एक बड़ा खुला प्रांगण है जिसके चारों ओर स्तंभों से सज्जित एक बरामदा और पीछे पश्चिम में एक प्रार्थना गृह स्थित है. शिलाओं में कर्मावतार या विष्णु के मगरमच्छ अवतार के प्राकृत भाषा में लिखित दो स्तोत्र हैं.
वेबसाइट के मुताबिक, ये शिलालेख 11 वीं-12 वीं शताब्दी के हैं . इसके ऊपर संस्कृत के दो पाठ अनुस्तुभ छंद में लिखे हैं. इनमें से एक में राजा भोज के उत्तराधिकारी उदयादित्य और नरवरमान की स्तुति की है. दूसरे लेख में बताया गया है कि ये स्तम्भ लेख उदयादित्य द्वारा स्थापित करवाए गए हैं.
साल 1305 ईसवी में धार और मांडू पर अधिकार करते हुए पूरा मालाव अलाउद्दीन खिलजी के हाथों में आ गया था. मुहम्मद द्वितीय के शासन के दौरान धार दिल्ली के सुल्तानों के अधिकार में रहा. उस समय दिलावर खान धुरी मालवा का सूबेदार हुआ करता था. 1401 ईसवी में उसे शासन संभाली और आजाद मालवा राज्य की स्थापना की. उसने धार को इसकी राजधानी बनाया था.
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