Dhar Bhojshala ASI Survey: धार स्थित भोजशाला में आज सर्वे का दूसरा दिन है. सर्वे टीम भोजशाल पहुंच चुकी है. आज सर्वे में मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद और मौलाना कमालउद्दीन भी मौजूद हैं. सर्वे के पहले दिन अब्दुल समक्ष मौजूद नहीं थे, उनका कहना है कि तबीयत खराब होने की वजह से वह नहीं आ पाए थे. अब्दुल समद है मुस्लिम समाज के सदर और समाज की ओर से पक्षकार हैं.


मुस्लिम समाज के सदर पक्षकार अब्दुल समद का कहना है कि सर्वे पहले हो चुका है तो दोबारा कराने की जरुरत नहीं है. अब्दुल समद ने भोजशाला में छेड़खानी का आरोप लगाया है. अब्दुल समद का कहना है कि जब मेरी तबीयत खराब है तो सर्वे रोका भी जा सकता था. इससे पहले एएसआई की एक टीम सुबह भोजशाल परिसर पहुंची. परिसर के सर्वे का शनिवार (23 मार्च) को दूसरा दिन है. धार स्थित भोजशाल पहुंचकर टीम ने साइंटिफिक तरीके से जांच शुरू कर दी है.






बता दें इंदौर हाईकोर्ट की बेंच के निर्देशानुसार, धार स्थित भोजशाला में सर्वे किया जा रहा है. दिल्ली और भोपाल के अफसरों की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है. कल जुमे की नमाज होने की वजह से दोपहर 12 बजे तक ही सर्वे किया गया था. इस दौरान एएसआई की टीम द्वारा फोटोग्राफी की गई थी. 


सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सर्वे कार्य को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. धार सहित आसपास के थानों के अलावा राजधानी भोपाल से भी पुलिस फोर्स बुलाया गया है. वहीं सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है. भोजशाला में एएसपी डॉ. इंद्रजत बाकलवार, सीएसपी, तीन डीएसपी, आठ थाना प्रभारी सहित 175 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं. शहर की ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों पर भी पुलिस की तैनात की गई है. शहर में 25 चौराहों पर पुलिस के फिक्स प्वाइंट बनाए गए हैं.


सोशल मीडिया पर मॉनीटरिंग
खास बात यह है कि भोजशाला में सर्वे को लेकर पुलिस ने एक विशेष मॉनीटरिंग टीम बनाई है, जो केवल सोशल मीडिया पर ही अपनी नजर बनाए हुए है. भोजशाला से संबंधित अगर कोई भी भड़काऊ मैसेज आता है, पुलिस संबंधित के खिलाफ तुरंत एक्शन लेकर कार्रवाई करेगी. 


सर्वे में जीपीआर-जीपीएस तकनीक का उपयोग
एएसआई सर्वे में जीपीआर और जीपीएस तकनीक का उपयोग होगा. सर्वे टीम में पांच एक्सपर्ट भी शामिल हैं. जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) यह तकनीक जमीन के भीतर का पता लगाती है. मौके पर छिपी हुई चीजों की रचना कैसी है. जबकि जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) तकनीक बिल्डिंग की उम्र का पता लगाएगी. इसके साथ ही जीपीआर में कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जाएगा.


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