(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhojshala Survey: ASI ने एमपी HC में पेश की भोजशाला सर्वे की रिपोर्ट, 22 जुलाई को सुनवाई, क्या बोले वकील विष्णु शंकर जैन?
Bhojshala Survey News: धार स्थित भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद को लेकर एएसआई का सर्वे पूरा हो गया है. 14 जुलाई को रिपोर्ट पेश करने की अवधि पूरी हो गई थी, रिपोर्ट सोमवार को एमपी हाईकोर्ट में पेश हुई.
MP Dhar Bhojshala Surve: मध्य प्रदेश की धार स्थित भोजशाला में 98 दिन चले सर्वे के बाद सोमवार को एएसआई ने इंदौर हाईकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने दो हजार पन्नों की सर्वे रिपोर्ट पेश की है. उधर, वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के बाद हमारा केस और मजबूत हुआ है.
इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला के 500 मीटर दायरे में वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद एएसआई ने 98 दिन तक यहां जांच पड़ताल और सर्वे किया था. यह सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक चला था. इस दौरान खुदाई के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. इसके लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) और ग्लोबल पोलिशनिंग सिस्टम (GPS) तकनीक की सहायता ली गई थी.
4 जुलाई को पेश होना थी रिपोर्ट
बता दें कि सर्वे की रिपोर्ट एएसआई को 4 जुलाई को ही इंदौर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करना थी, लेकिन सर्वे रिपोर्ट नहीं बन पाने के चलते एएसआई ने और समय मांगा था, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 10 दिन की समय अवधि बढ़ा दी थी. 10 दिन का दिया गया अतिरिक्त समय 14 जुलाई को समाप्त हो गया था, लेकिन रविवार होने के चलते एएसआई आज सोमवार को रिपोर्ट पेश की गई है.
केस पर यह बोले विष्णु शंकर जैन?
उधर, वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इस मामले में एएसआई की रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है. एएसआई की रिपोर्ट हमारे मामले को मंजूरी देती है और इसे मजबूत बनाती है. 2003 में पारित एएसआई का आदेश पूरी तरह से गलत, त्रुटिपूर्ण और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. आज 2000 पृष्ठों की रिपोर्ट दायर होने के बाद हमारा मामला मजबूत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर हाईकोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पूजा करते हैं तो शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करते हैं. इस जगह में प्रवेश करने के लिए टिकट लेना पड़ता है. हालांकि पूजा और नमाज के लिए एंट्री फ्री है. मामले में सबसे पहले याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाईकोर्ट में दायर की थी. बता दें कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह सर्वे कराया गया है. इस सर्वे के दौरान गौतम बुद्ध की प्रतिमा मिलने की बात सामने आई थी, जिसके बाद बौद्ध समाज ने भी दावा ठोका था.
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