Bhojshala ASI Survey Report: मध्य प्रदेश की धार स्थित भोजशाला में 98 दिन चले सर्वे के बाद आज सोमवार (22 जुलाई) को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. बीते दिनों आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने दो हजार पन्नों की सर्वे रिपोर्ट पेश की थी.
इससे पहले धार स्थित भोजशाला में 98 दिनों आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम ने परिसर का सर्वे का किया. इस सर्वे के बाद एएसआई ने इंदौर हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की कर दी है, जिस पर आज सुनवाई होगी.
22 मार्च से ASI ने शुरू किया था सर्वे
बता दें, इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला के 500 मीटर दायरे में वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद एएसआई ने 98 दिन तक यहां जांच पड़ताल और सर्वेक्षण का कार्य किया था.
यह सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक चला था. इस दौरान खुदाई के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. इसके लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और ग्लोबल पोलिशनिंग सिस्टम (जीपएस) तकनीक की सहायता ली गई थी.
15 जुलाई को पेश की रिपोर्ट
भोजशाला की 98 दिन चले इस सर्वे की रिपोर्ट एएसआई को 4 जुलाई को ही इंदौर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करना थी, लेकिन सर्वे रिपोर्ट नहीं बन पाने के वजह से एएसआई ने और समय मांगा था. इसके बाद हाईकोर्ट ने 10 दिन की समय अवधि बढ़ा दी थी.
हाईकोर्ट ने एएसाई को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 10 दिन का समय और दिया गया था. फिलहाल ये अतिरिक्त समय 14 जुलाई को पूरा हो गया था और 15 जुलाई को एएसआई ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिस पर आज सुनवाई होगी.
नमाज और पूजा दोनों होती है परिसर में
भोजशाला परिसर में फिलहाल हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग पूजा और नमाज पढ़ते हैं. 7 अप्रैल, 2003 को एएसआई ने एक व्यवस्था बनाई, इसके तहत हिंदू समुदाय भोजशाला परिसर में हर मंगलवार को पूजा करता है जबकि मुस्लिम समुदाय हर शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा करता है.
हिंदू- मुस्लिम कर रहे ये दावा
हिंदू समुदाय भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर होने का दावा करता है, दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद होने का दावा कर रहा है. इसी साल 11 मार्च को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोजशाला परिसर के सर्वे के लिए एएसआई को आदेश दिया था.
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