Bhojshala Survey: भोजशाला सर्वे का 20वां दिन, दबे हुए 'गोमुख' की हुई सफाई, अब होगी जांच
Bhojshala ASI Survey Update: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से प्राप्त निर्देश के तहत एएसआई की टीम आज भी सुबह भोजशाला में सर्वे करने पहुंची. इससे पहले 19वें दिन एएसआई की टीम ने कई जीचों की बारीकी से जांच की.
Bhojshala ASI Survey: भोजशाला सर्वे का बुधवार को 20वां दिन है. सुबह 8 बजे एएसआई की टीम सर्वे करने भोजशाला पहुंची है. इस मौके पर दोनों पक्ष सर्वे के दौरान मौजूद हैं. 16 अधिकारी और 36 मजदूरों के साथ ASI टीम सुबह 8 बजे भोजशाला पहुंची. इस पहले मंगलवार (9 अप्रैल) को एएसआई टीम ने अक्कल कुईया समेत बाहरी क्षेत्रों में सर्वे किया. गर्भगृह के पिछले हिस्से के साथ अब एएसआई टीम का फोकस आगे की ओर कमाल मौलाना दरगाह परिसर में स्थित अक्कल कुईयां की ओर है.
एएसआई के विशेषज्ञों ने यहां पर बारीकी से जांच-पड़ताल की. इस जांच के अनुसार, भोजशाला में प्रवेश द्वार वाली दीवार के एक तरफ शिलालेख है, जबकि दूसरी ओर यह गोमुख दबा था. जिसे टीम ने सफाई कर चिह्नित किया है. अक्कल कुईया को लेकर भी सर्वे जारी है. दिनभर इस क्षेत्र के साथ बाहर की ओर 50 मीटर के क्षेत्र में मिट्टी हटाने का काम चला.
सर्वे को लेकर हिंदू पक्षकार ने किया ये दावा
हिन्दू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि 19वें दिन के सर्वे के दौरान कमाल मौलाना दरगाह परिसर से लगी भोजशाला की बाई तरफ की दीवार में गोमुख सामने आया है, जो सालों से दबा हुआ था. आशीष गोयल ने बताया कि टीम ने सफाई की, यहां पर आकृति दिखने के बाद सर्वे टीम ने केमिकल ट्रीटमेंट कर कार्बन डेटिंग कर के जरिये जांच की है.
बताया जा रहा है कि अब ASI की टीम एक लेवल आगे बढ़ते हुए मशीनों की मदद लेगी. हालांकि अभी यह मशीनें धार नहीं पहुची हैं, लेकिन एक-दो दिन में मशीनों के पहुंचने की संभावना है. इनमें वे मशीनें शामिल हैं, जो जीपीआर तकनीक और क्लीनिंग में काम आती है.
क्या है भोजशाला विवाद?
दरअसल, हिंदू समाज धार जिले में स्थित भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर होने का दावा करता है. जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बता रहा है. इस मुद्दे को लेकर कई बार धार्मिक उन्माद हुआ है. 11वीं शताब्दी में बने इस स्मारक को एएसाई की ओर से संरक्षित किया गया है.
दोनों समुदाय के बीच के विवाद को देखते हुए 7 अप्रैल 2003 को एएसआई के जरिये एक व्यवस्था बनाई गई थी. जिसके तहत हर मंगलवार को हिंदू समुदाय सुबह से शाम तक भोजशाला परिसर में पूजा अर्चना कर सकेंगे, जबकि मुस्लिम समुदाय को हर शुक्रवार को परिसर में दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच जुमे के नमाज के अदायगी की इजाजत दी गई है.
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