Bhootdi Amavasya: मध्यप्रदेश के बड़वाह नावघाट खेड़ी नर्मदा तट पर भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर मंगलवार को हजारों श्रद्धालुओ ने पहुंचकर नर्मदा में डुबकी लगाई और पूजा अर्चना के बाद दान पुण्य किया. भूतड़ी अमावस्या पर बाहरी बाधा से ग्रस्त लोगों को ओझाओं-बाबाओं ने नर्मदा जल में खड़ा कर झाड़-फूंक करते हुए स्नान कराया.


किसी के शरीर में देवी आ रही थी तो किसी के शरीर में देवता, कोई जमीन पर रेंगता हुआ चल रहा था तो कोई तलवार त्रिशूल लेकर घूमता हुआ दिखाई दिया. सभी ने अलग अलग तरह से अपनी पूजा अर्चना की. बड़वाह नावघाट खेड़ी में महिला तांत्रिकों ने अपनी जुबान तलवार से काट कर तलवार पर खून लगाया और चुनरी लगाकर बाहरी विपत्तियों से प्रभावित लोगों की बाधा है दूर की. लोगों की आस्था और श्रद्धा है तभी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग नर्मदा स्नान और तांत्रिक क्रियाओं को अंजाम देने पहुंचते हैं.



महिला तांत्रिकों ने तलवार से काटी जुबान


वहीं पूजा स्थल पर किसी ने काली माता की तो किसी ने भेरू बाबा के साथ निशान त्रिशूल-तलवार का पूजन किया. उल्लेखनीय है कि नए वर्ष गुड़ी पड़वा के पहले चैत्र माह की अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अनेक गांव-कस्बों और शहरों से नर्मदा स्नान करने पहुंचते हैं. चैत्र की भूतड़ी अमावस्या पर बड़वाह के नर्मदा तट पर में मालवा निमाड अंचल सहित राजस्थान से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तांत्रिक क्रियाओं को अंजाम देने पहुंचे थे. बड़वाह नावघाट खेड़ी में महिला तांत्रिकों ने अपनी जुबान तलवार से काट कर चुनरी लगाई और बाहरी विपत्तियों से प्रभावित लोगों की बाधा दूर की.




लोगों की नर्मदा स्नान और तांत्रिक क्रियाओं पर काफी आस्था और श्रद्धा है तभी तो इतनी बड़ी संख्या में लोग नर्मदा स्नान और तांत्रिक क्रियाओं को अंजाम देने पहुंचते हैं. भूतड़ी अमावस्या पर बाहरी बाधा से ग्रस्त लोगों को ओझाओं-बाबाओं ने नर्मदा जल में झाड़-फूंक करते हुए स्नान कराया.


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