MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर, इंदौर और भोपाल के हमीदिया अस्पताल में घटित हुई आगजनी की घटनाओं के बाद भी राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल संचालकों ने सबक नहीं लिया है. नगर निगम द्वारा राजधानी के निजी अस्पताल का फायर ऑडिट किया, जिसमें पाया गया कि 193 निजी अस्पतालों में आगजनी से निपटने के लिए फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं. निगम ने रिपोर्ट बनाकर सीएमएचओ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. आगे की कार्रवाई सीएमएचओ कार्यालय को करना है.



193 अस्पताल में नहीं है जांच से निपटने का इंतजाम
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अब एक साल पहले नवंबर महीने में बड़ी आगजनी की घटना घटित हुई थी. इस आगजनी में कई नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक अगस्त को जबलपुर के निजी अस्पताल में आगजनी की घटना हुई थी. जिसमें आठ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इन हादसों के बाद भी राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल संचालकों ने सबक नहीं लिया है. अस्पतालों में आगजनी से निपटने के लिए इंतजाम नहीं है. हालांकि प्रशासन इस दिशा में जरूर अलर्ट हुआ है. नगर निगम की टीम ने राजधानी के निजी अस्पतालों की जांच कर रही है. इस जांच के दौरान पाया कि 193 अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं. निगम की टीम ने फायर ऑडिट के बाद रिपोर्ट तैयार कर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी को दी गई है.

अस्पतालों में यह जरुरी
सुरक्षा की दृष्टि से अस्पतालों में बेसमेंट में स्प्रिंकलर सिस्टम होना जरूरी है. इसके साथ ही मैन्युअल ऑपरेटर इलेक्ट्रिक फायर अलार्म, आग बुझाने के लिए पानी की उपलब्धता, प्रेशराइज सिस्टम, बिजली मीटर के सामने सुरक्षा दीवार, फायर एक्टिग्यूशर की पर्याप्त सुविधा, फायर एग्जिट, इमरजेंसी लाइट, स्मार्ट डिटेक्टर, बिजली के वायर खुले नहीं होना चाहिए. अग्रि सुरक्षा के इंतजाम और फायर एनओसी, फायर पैनल होना चाहिए, लेकिन नगर निगम की टीम को भोपाल के 193 अस्पतालों में कुछ न कुछ कमी मिली है.


'मेरी इमेज खराब करने के लिए बीजेपी ने खर्च कर दिए करोड़ों रुपये', भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने लगाया आरोप