Bhopal News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भूमाफिया (land mafia) के विरुद्ध केस दर्ज करने के मामले में भोपाल (Bhopal) और खरगोन (Khargone) जिले सबसे आगे हैं .वहीं भूमि मुक्त कराने के मामले में सीहोर (Sehore) और ग्वालियर (Gwalior) जिले पहले व दूसरे स्थान पर हैं.


तीन माह में मुक्त कराई गई है अतिक्रमण
इसके साथ ही डिंडोरी, नरसिंहपुर और कटनी, अलीराजपुर जिले इस मामले में प्रदेश के बाटम फाइव जिलों में शामिल हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद प्रदेश भर में भूमाफिया द्वारा किए गए कब्जे से भूमि मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान में मामा के बुलडोजर ने 2244 एकड़ जमीन तीन माह में अतिक्रामकों से मुक्त कराई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस  में इसकी समीक्षा भी की है.


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अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन पर बनेगा आवास
अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन में से 1828.13 एकड़ जमीन का उपयोग आवास और अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है. सरकारी जमीन पर आवास बनाने के लिए 159.32 एकड़ कलेक्टरों ने सौंपी है तो 75.85 एकड़ भूमि के आवंटन की कार्यवाही की जा रही है.इसके अलावा सरकारी विभागों और अन्य एजेंसियों को शासकीय प्रयोजन के लिए 365.47 एकड़ जमीन दी गई है और 940.56 एकड़ सौंपने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा 257.45 एकड़ भूमि मूल विभागों को वापस लौटाई गई है.
 
इन जिलों में भूमाफिया के विरुद्ध हुई है कार्रवाई 
जिन जिलों में प्रदेश में सबसे अधिक कार्रवाई के केस बने हैं. उसमें राजधानी भोपाल सबसे आगे है. यहां 251 प्रकरण में कार्यवाही एक जनवरी से 31 मार्च के बीच हुई है.इसके बाद खरगोन में 135, इंदौर में 131, झाबुआ में 114 और टीकमगढ़ में 99 मामलों में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है. अतिक्रमण मुक्त कराने के आधार पर तैयार की गई जिलों की रैंकिंग में टाप फाइव में जो जिले शामिल हैं, उसमें सीहोर 309.05 एकड़, ग्वालियर 281.31 एकड़, खंडवा 247.16 एकड़, झाबुआ 147.82 एकड़ और दमोह 147.35 एकड़ के नाम हैं. प्रकरण के आधार पर बाटम फाइव वाले जिलों में डिंडोरी व नरसिंहपुर में एक-एक, सीधी व शिवपुरी में दो-दो, सतना व नर्मदापुरम में तीन-तीन, कटनी में चार और शाजापुर व सागर में 5-5 केस दर्ज किए गए हैं.भूमि मुक्त कराने की कार्यवाही में बाटम फाइव में शामिल जिलों में कटनी में 0.046 एकड़, अलीराजपुर में 0.115, सीधी में 0.201, डिंडोरी में 0.46 और शाजापुर में 0.49 एकड़ जमीन शामिल है.


अतिक्रमण मुक्त कराई गई भुमि
जिलों में तीन माह के अंतराल में जो भूमि अतिक्रामकों, कब्जाधारकों से मुक्त कराई गई है, उसका बाजार मूल्य 671.61 करोड़ रुपए है. इसमें राजस्व विभाग द्वारा 2187.59 एकड़, नगरीय निकायों द्वारा 23.57 एकड़, वन महकमे द्वारा 32.64 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है. राजस्व विभाग द्वारा खाली कराई गई भूमि का बाजार मूल्य 562.05 करोड़ रुपए है जबकि नगरीय निकायों और वन विभाग द्वारा मुक्त भूमि 109.13 करोड़ और 43 लाख रुपए की है.


 रिक्त कराई भूमि का हुआ आवंटन




रिक्त कराई गई भूमि का आवंटन आवास और अन्य सरकारी कार्यों के लिए जिन जिलों में हुआ है. उसमें जबलपुर में डेढ़ एकड़ में लेमागार्डन में 434 फ्लैट मुक्त कराकर उसे पीएम आवास के लिए आवंटित किया है.इसके साथ ही ग्वालियर, सीहोर, सिवनी, भोपाल, छिंदवाड़ा, सागर, सीधी, मुरैना में सरकारी जमीन को आवास के साथ नगरीय निकाय, ईओडब्ल्यू, सड़क निर्माण, सीएम राइज स्कूल, गौशाला, औद्योगिक क्षेत्र, पंचायत और ग्रामीण विकास को एग्रोपार्क निर्माण, क्षेत्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशाला निर्माण के लिए सौंपा गया है. 


प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें 
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस मैं कृषि की समीक्षा में विविधता खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे. प्रेस्टिसाइज से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है. बांकी खेती के लिए  कृषकों की रुचि जागृत करने के लिए खेती की तकनीकी जानकारी दे. खरीफ फसल की बुवाई के पूर्व कृषकों को शिक्षित और जागरूक बनाने लिए प्राकृतिक खेती के साथ अन्य फसलों की जानकारी देकर उत्पादन के लिए प्रेरित करें. सीएम ने सुदूर सड़कों के लंबित कार्य की समीक्षा में कार्य के लंबित रहने पर जाँच कराते हुए रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिए.


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