Bhopal News: मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट (Tiger State) के रूप में जाना जाता है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, विशेषकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) और उसके आसपास से जुड़े वन्य क्षेत्र में बाघ बेहतर जीवन-यापन करने में सफल हुए हैं जिसका परिणाम यह है कि राजधानी भोपाल और उससे सटे हुए अभयारण्य में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है.


मिली जानकारी के अनुसार भोपाल से सटे रातापानी सेंचुरी में नए बाघ शावकों की संख्या में इजाफा हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रातापानी सेंचुरी में 17 नए बाघ शावकों की उपस्थिति दर्ज की गई है जिनकी उम्र 6 से 7 महीने की बताई जा रही है. वन विभाग इनकी सुरक्षा को लेकर लगातार प्रयासरत है क्योंकि रातापानी सेंचुरी का इलाका मुख्य सड़क से भी जुड़ता है. इस संबंध में भोपाल मंडल के डीएफओ आलोक पाठक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राजधानी भोपाल से सटे एरिया में लगभग 4-5 बाघों का मूवमेंट है. इन पर लगातार नजर रखी जा रही है.


रातापानी में करीब 40 बाघों की उपस्थिति मिली है
राजधानी भोपाल और उसके आसपास का इलाका बाघों को हमेशा से बेहद रास आता है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भोपाल जिले और साथ में लगे सीहोर वन क्षेत्र के अंतर्गत 60 से अधिक बाघ अपना जीवन-यापन आसानी से कर रहे हैं. रातापानी सेंचुरी में ही लगभग 40 से अधिक बाघ और सीहोर क्षेत्र में 20 के लगभग बाघों की उपस्थिति देखी गई है. भोपाल और उसके आसपास के इलाके में लगातार बाघों की संख्या में इजाफा अच्छा संकेत है.


अनुकूल परिस्थितियों से बढ़ रही बाघों की संख्या
प्रदेश के पांच नेशनल पार्क, 24 अभयारण्य और 63 सामान्य वनमंडलों में बाघों की संख्या में दो दर्जन से अधिक की वृद्धि देखी गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदेश के जंगल बाघों के लिए मुफीद हैं. यहां पर्याप्त खाना और पानी है. खासकर संरक्षित क्षेत्रों में सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम हैं इसलिए यहां बाघ तेजी से बढ़ रहे हैं.


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