Bhopal Protest: राजधानी भोपाल में शुक्रवार को अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर सहकारी कर्मचारियों (Co-operative Workers) ने उग्र प्रदर्शन किया. इस दौरान सहकारी कर्मचारी सीएम हाऊस (CM House) का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण वहां नहीं जा सके. पुलिस (Police) ने इन सहकारी कर्मचारियों को पॉलीटेक्निक चौराहे पर ही रोक दिया. इससे गुस्साए कर्मचारी पॉलीटेक्निक चौराहे (Polytechnic Crossroads) पर ही धरना देकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे.
सीएम हाउस का करना था घेराव
बता दें चुनावी साल में मध्य प्रदेश में कई संगठनों की ओर से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन, प्रदर्शन व धरना दिया जा रहा है. इन सबके बीच अपेक्स कर्मचारी संगठन ने राजधानी भोपाल में उग्र प्रदर्शन किया. करीब छह हजार कर्मचारी राजधानी भोपाल में सीएम हाऊस का घेराव करने जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने पॉलीटेक्निक चौराहे पर रोक दिया. पुलिस के रोके जाने से गुस्साए कर्मचारी पॉलीटेक्निक चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. हालांकि, बाद में पुलिस के समझाने के बाद धरने पर बैठे कर्मचारी वापस लौट गए.
चुनाव में दिखेगा असर
अपेक्स कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मिश्रा ने एबीपी से चर्चा में बताया कि साल 2019 में आयुक्त ने वेतनमान निर्धारित किया था. सरकार की तरफ से आदेश भी जारी हो गए थे. लेकिन, अफसरों की लापरवाही व उदासीनता के चलते यह आदेश अभी तक पारित नहीं हो सके. सरकार से निवेदन है कि 2019 का वेतनमान पहले लागू करे. उपभोक्ता भंडार के साथी हैं, उन्हें 90 रुपए कमीशन दिया जाता है. इस कमीशन को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाए. इसे लेकर हमलोगों ने आंदोलन किया है. जानकारी हो कि प्रदेश में 55 हजार अपैक्स कर्मचारी हैं. यदि मांगें नहीं मानी जाती है तो इसका असर चुनाव में दिखेगा.
कर्मचारियों की ये हैं मांगें
1. साल 2019 में जारी सेवा नियम अनुसार वेतनमान लागू किया जाए. मार्च 2021 में महासंघ के साथ किए गए शासन से समझौते के अनुसार संस्थाओं के सहायक, प्रभारी प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, कनिष्ठ विक्रेता, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कैशियर, भृत्य, चौकीदार, तुलैया आदि कर्मचारियों को ग्रामीण स्तर पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की तरह वेतनमान दिया जाए, इसे तत्काल लागू किया जाए.
2. प्राइवेट उपभोक्ता भंडार, स्व सहायता समूह और वन उप समिति आदि को 200 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन और दो किलो प्रति क्विंटल शॉर्टेज दी जाए.
यह भी पढ़ें : MP Politics: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसके लिए कहा- 'मुंह में राम बगल में छुरी'