Bhopal: मीट दुकान के रातभर खुलने के मुद्दे पर भिड़े कांग्रेस और बीजेपी विधायक, एक-दूसरे पर तमतमाए माननीयों ने खोया आपा
भोपाल कलेक्टोरेट सभागार में प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा आपस में भिड़ गये.
Bhopal News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में गुरुवार को कलेक्टोरेट सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) व कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) में झड़प हो गई. विधायक रामेश्वर ने सवाल उठाया कि जब न्यू मार्केट में बापू की कुटिया रात 10 बजे बंद हो जाती है तो मटन खिलाने वाला जमजम रेस्टोरेंट रातभर कैसे खुला रह सकता है? आखिर एक शहर में दो अलग-अलग व्यवस्था कैसे चल सकती हैं? इस मामले पर पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि हम तो चलाएंगे, आप चाहो तो रुकवा लो.
विधायक मसूद ने आगे कहा कि आपको वही दिखता है, लेकिन रातभर खुली रहने वाली दारू की दुकान नहीं दिखती. इस पर रामेश्वर ने कहा कि हम भी रुकवाना जानते हैं. रामेश्वर यहीं नहीं रुके उन्होंने नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी को इशारा करते हुए कहा कि माता मंदिर के ठीक सामने मटन कैसे बिक रहा है? मैं पहले भी आपको बता चुका हूं, पर कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए मंत्री के सामने बता रहा हूं.
विधायकों ने अफसरों के रवैये पर जताई नाराजगी
दूसरे विधायकों ने शिकायत की कि कई अफसर उन्हें बताए बिना क्षेत्र में काम शुरू करा देते हैं. उन्हें विश्वास में लेना चाहिए. इस पर मंत्री सिंह ने भी सहमति जताई. कृष्णा गौर ने शिकायत की कि सीपीए के जिन कामों के टेंडर हो चुके थे, वह भी शुरू नहीं हो रहे हैं. इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी के डिविजन बढ़ाए जाएं. दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विधायक आरिफ मसूद ने सड़कों के मरम्मत का मुद्दा उठाया. उन्होंने कोलार लाइन की टेस्टिंग के लिए गर्मी का समय तय किए जाने पर भी आपत्ति जताई.
वार्डों के परिसीमन का उठा मुद्दा
इस बैठक में कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि वार्डों का फिर से परिसीमन होना चाहिए. शहर के बाहरी इलाकों में कई वार्ड बहुत बड़े हैं. इन्हें छोटा करने की जरूरत है. उनके प्रस्ताव का रामेश्वर ने भी समर्थन किया. अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के लिए एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाए जाने की भी मांग की गई.