MP News: भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया. आरिफ मसूद ने कहा कि अपराध के खिलाफ हम जज बनकर किसी का घर कैसे तोड़ सकते हैं. किसी एक शख्स के अपराध की सजा परिवार क्यों भुगते. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर विराम लगाते हुए सख्त टिप्पणी की.
कोर्ट ने कहा कि सरकार शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकती. अपराधी की सजा घर तोड़ना नहीं हो सकता. अपराध का आरोप या दोषी होना घर तोड़ने का आधार नहीं है. बुलडोजर की कार्रवाई से पहले कलेक्टर को 15 दिन पहले ईमेल या डाक से पोस्ट कर बताना होगा. गाइडलाइन्स का पालन किये बिना घर तोड़ने की कार्रवाई नहीं की जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले कांग्रेस विधायक?
कांग्रेस विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी को इंसाफ देते हुए देश के संविधान की रक्षा की है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कब कहा कि अपराधियों को छोड़ दो. मुकदमा दर्ज करने के बाद अदालत से अपराध साबित करो. ये कौन सी बात हुई कि आज अपराध किया, कल घर तोड़ दिया और जब निर्दोष हुआ तो फिर क्या करोगे. उसके परिवार का क्या होगा. बाबा साहेब आंबेडकर ने बहुत सोच कर ही संविधान बनाया है.
विधायक मसूद ने कहा कि मध्य प्रदेश और यूपी की सरकारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानना होगा. आदेश नहीं मानने पर हम दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कोई भी अधिकारी सरकारों के दबाव में गलत काम नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि घर तोड़ना बिल्कुल जायज नहीं है. किसी एक के अपराध की सजा पूरा परिवार क्यों भुगतेगा. घर बनाने में जीवन भर की जमा पूंजी लगी होती है. मनमाने तरीके से किसी का भी घर तोड़ना ठीक नहीं है. लोगों ने तोड़े गये घरों का मुआवजा मांगा.
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