MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जिला सत्र कोर्ट से सन् 2013 में सेंधवा कांड के मामले में सिमी के चार आतंकवादियों को सजा सुनाई गई है. जिनमें से दो को आजीवन कारावास और 2 को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही साथ सबूतों के अभाव के चलते चार आरोपियों को बरी भी किया गया है. 2013 में एटीएस की टीम के द्वारा 15 आरोपियों की धरपकड़ की गई थी. जिनमें से 7 आतंकवादियों का एनकाउंटर कर दिया गया था. जिसके बाद लगभग 9 सालों से बाकी आतंकवादियों की पेशी जिला सत्र न्यायालय में चल रही थी.


विस्फोटक के साथ पकड़ा गया था आतंकवादियों को 
शुक्रवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए आतंकी मोहम्मद सादिक और उमेर दंडोति को उम्रकैद और इरफान नागोरी और अबू फैजल को 10-10 साल की सजा सुनाई है. चार आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत न होने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया है. जिसके खिलाफ राज्य सरकार हाई कोर्ट का रुख अपनाएगी मामला 24 दिसंबर 2013 को सोलापुर महाराष्ट्र के पास विस्फोटक से जुड़ा है. विस्फोटक के साथ आतंकवादियों को पकड़ा गया था जिसमें पुलिस की मुठभेड़ भी आतंकियों से हुई थी. यह संगठन देश के कई नामचीन हस्तियों को बम ब्लास्ट में उड़ाने की प्लानिंग कर रहा था. जिसका पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने कार्यवाही की और सात आतंकियों का एनकाउंटर भी किया था.


Jabalpur News: धोखाधड़ी के मामले में बिशप पी. सी. सिंह को भेजा गया जेल, जिला प्रशासन अलग से करेगा मामले की जांच


सिमी को किया गया है प्रतिबंध
जानकारी के अनुसार स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया सिमी भारत में प्रतिबंधित एक संगठन है. इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था. भारत सरकार की मान्यता है कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है. इसके चलते सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था. सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था.


MP Agniveer Recruitment 2022: सागर में 6 से 20 अक्टूबर तक होगी अग्निवीर भर्ती परीक्षा, 14 जिलों के अभ्यर्थी होंगे शामिल