Bhopal District History: जानिए भोपाल का इतिहास, उजड़ने से लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी बनने तक का सफर
History Of Bhopal: भोपाल परमार राजा भोज के द्वारा 11 वीं सदी में बसाया गया था. भोपाल 18वीं शताब्दी तक एक स्वंतंत्र राज्य था. यह 1918 से लेकर 1947 तक हैदराबाद के बाद दूसरी सबसे बड़ी रियासत थी.
Bhopal History: भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है, साथ ही यह भारत के बड़े शहरों में शुमार किया जाता है. मगर अभी भोपाल शहर जैसा दिखाई देता है हमेशा से वैसा बिलकुल नहीं था. इस शहर को सबसे पहले राजा भोज ने बसाया था फिर यह शहर लुटा. इसके बाद एक अफगान सरदार ने इसकी स्वंतंत्र राज्य के रूप में स्थापना की. तत्पश्चात भोपाल रियासत में तब्दील हो गया. भारत को आजादी मिलने के बाद यह स्वंतंत्र राज्य बना. लेकिन कुछ ही वर्षों बाद भोपाल को जिला बना दिया गया और आज हम जिस भोपाल को जानते हैं, वह एक जिला और शहर दोनों है. भोपाल अभी मध्य प्रदेश की राजधानी है. आइए जानते हैं भोपाल शहर के अबतक के सफर के बारे में.
परिचय
भोपाल परमार राजा भोज के द्वारा 11 वीं सदी में बसाया गया था. भोपाल 18वीं शताब्दी तक एक स्वंतंत्र राज्य था. भोपाल 1918 से लेकर 1947 तक हैदराबाद के बाद दूसरी सबसे बड़ी रियासत थी. जबकि 1949 से लेकर 1956 तक यह एक भारतीय राज्य था. इस समय तक इस राज्य राजधानी भोपाल शहर था. लेकिन अब भोपाल उस रूप में नहीं है जैसा इसका इतिहास रहा है. बल्कि भोपाल से ही पूरे मध्य प्रदेश का सरकारी कामकाज चलता है. क्योंकि इसी शहर में मध्य प्रदेश की विधानसभा है और मुख्यमंत्री निवास है.
इतिहास
भोपाल की स्थापना 11वीं शताब्दी में परमार राजा भोज ने 1000-1055 ईस्वी के दौरान की थी. उस समय भोपाल राज्य की राजधानी 'धार' थी, धार वर्तमान में मध्य प्रदेश का एक जिला है. भोपाल का शुरू में नाम ‘भोजपाल’ था. परमार राजाओं के अस्त के बाद यह शहर कई बार लूट का शिकार हुआ. मगर, आज का जो भोपाल हमारे सामने है उसकी स्थापना अफगान योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने 1720 में की थी. दोस्त मोहम्मद खान भोपाल अपने साथ इस्लामी सभ्यता लेकर आया, जिसका प्रभाव उस काल की इमारतों में दिखाई पड़ता है. इसके बाद 1818 में भोपाल रियासत में तब्दील हो गया. जिसकी बागड़ोर 1819 से लेकर 1926 तक चार बेगमों ने संभाली. इसके बाद 1949 तक भोपाल रियासत की बागड़ोर हमीदुल्लाह खान ने संभाली. भारत को आजादी मिलने के बाद 1 जून को भोपाल रियासत का विलय भारत में हो गया.
आबादी
2011 के जनगणना के मुताबिक भोपाल जिले और शहर की आबादी 1,798,218 है. लेकिन एक अनुमान के अनुसार वर्त्तमान में अब भोपाल की आबादी 24 लाख से ज्यादा है. आबादी के हिसाब से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इंदौर है.
क्षेत्र
भोपाल जिले का क्षेत्रफल 2772 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. भोपाल जिले का जनसंख्या घनत्व 855 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. भोपाल के आसपास के क्षेत्र में विन्ध्य पर्वत श्रंखला आती है.
भाषा
भोपाल में मुख्य तौर पर दो भाषाएं बोली जाती हैं. हिन्दी राज्य की राजभाषा है. भोपाल के ज्यादातर लोग हिन्दी बोलते हैं, लेकिन यहां पर उर्दू बोलने वालों की संख्या भी काफी है .
स्थापना
आज़ादी के समय तक भोपाल एक रियासत थी. लेकिन, आजादी मिलने के बाद भोपाल रियासत का भारत में विलय हो गया. भोपाल राज्य को भारतीय संघ के एक भाग राज्य सी के रूप में बनाया गया था. बाद में 1 नवंबर 1956 को भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप (भोपाल सी राज्य या मध्य प्रदेश) बन गया. भोपाल राज्य के मध्य प्रदेश बनने के बाद, 2 अक्टूबर 1972 को भोपाल जिले के रुप में अस्तित्व में आया. आज हम इसी भोपाल को देखते हैं.
नदी
भोपाल से होकर बेतवा नदी बहती है. बेतवा का उद्गम स्थल भोपाल के पास है. यहां से होते हुए यह नदी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में जाकर यमुना नदी में मिल जाती है. बेतवा मध्य प्रदेश में 216 किलोमीटर का सफर तय करते हुए बहती है, जबकि इसका 261 किलोमीटर का बहाव यूपी में है. बेतवा की कुल लम्बाई 575 किलोमीटर है. हलाली, बाह, सागर, जमनी और बिना जैसे छोटी नदियां बेतवा की सहायक नदियां हैं.
धार्मिक स्थल
भोपाल एक सांस्कृतिक और धार्मिक जगह भी है. यहां लक्ष्मी नारायण मंदिर, भोजेश्वर मंदिर, गुफा मंदिर, खटला पूरा प्रसिद्द मंदिर हैं. इसके अलावा भोपाल में मोती मस्जिद, और जामा मस्जिद जैसी अन्य कई बड़ी मस्जिदें स्थित हैं.
ट्रांसपोर्ट
ट्रांसपोर्ट की बात की जाए तो भोपाल में राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है. यहां से देश के मुख्य शहरों के लिए फ्लाइट सुविधा मौजूद है. भोपाल रेलवे स्टेशन से देश के कोने-कोने तक ट्रेनों की सुविधा आसानी से उपलब्ध है. भोपाल में रेलवे का नेटवर्क सबसे अच्छा है. इसके अलावा भोपाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित बस अड्डा है. बस अड्डे से देश के मुख्य शहरों तक बस सुविधा मौजूद है.
स्कूल कॉलेज- मशहूर
भोपाल में उच्च शिक्षा के लिए कई विश्वविद्यालय हैं. यहां हजारों छात्र पढाई कर रहे हैं. भोपाल में मुख्य तौर पर बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, एम्स भोपाल, गांधी मेडिकल कॉलेज, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश भोज विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय जैसे बड़े विश्वविद्यालय मौजूद हैं. इसके अलावा भोपाल में कई अच्छे स्कूल हैं.