MP News: मध्य प्रदेश में नगर विकास की जिम्मेदारी संभालने के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी सीएमओ का टोटा इसका उदाहरण भोपाल संभाग में ही देखा जा सकता है. संभाग की 41 निकायों की जिम्मेदारी प्रभारी सीएमओ संभाल रहे हैं. या यूं कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपने पसंद के नगर पालिका/नगर पंचायत कर्मियों को सीएमओ का चार्ज दिलवा रखा है.


2020 में यह दिया गया था निर्देश
गौरतलब है कि 2020 में नगरीय निकायों में क्लर्क और स्वच्छता निरीक्षकों को मुख्य नगर पालिका अधिकारी-सीएमओ नहीं बनाया जाएगा. यह निर्देश सरकार ने जारी कर दिए थे और इन पदों पर उसी संवर्ग के अधिकारी पदस्थ होंगे. इसी के चलते सरकार ने क्लर्क और स्वच्छता निरीक्षकों से 50 निकायों का प्रभार वापस ले लिया था. सीएमओ के पद पर उसी संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश दिए थे, लेकिन फिर दो साल बाद वापस प्रभारी सीएमओ के भरोसे नगरपरिषद चल रही है. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी निकायों के यही हालत है, जहां प्रभारी सीएमओ नगर का विकास देख रहे हैं.


ये संभाल रहे सीएमओ की जिम्मेदारी
जानकारी के मुताबिक भोपाल संभाग की बैरसिया नगर पालिका की जिम्मेदारी राजेश सक्सेना के पास है, यहां के वे सीएमओ है. इसी तरह इछावर में रमेश वर्मा, कोठरी में कैलाश चंद कर्मा, जावर में द्वारका प्रसाद दुबे, शाहनंद में रामानुज मिश्रा, मण्डीदीप में सुधीर उपाध्याय,  बरेली में संतोष रघुवंशी, बाड़ी में हरिशंकर वर्मा, उदयपुरा में उमेश शर्मा, सांची में हरीश सोनी, सिलवानी में राजेन्द्र वर्मा, कुरवाई में शमशाद पठान, लटेरी में संतोष पाराशर, श्मशाबाद में सलीम खान, नरसिंहगढ़ में अशोक सिंह ठाकुर, सारंगपुर में विनोज कुमार गिरिजे, खिलचीपुर में अवधेश सिंह, पचौर में पवन मिश्रा, खुजनेर में रणवीर सिंह राजपूत, तलेन में अशरफ खान, बोडा में अशफाक खान, माचलपुर में भूपेन्द्र सिंह, सुठालिया में वीरेंद्र चक्रवर्ती, छीपाहेड़ा में ऋषिकांत यादव और कुरावर नगर पंचायत की जिम्मेदारी अशोक सिंह ठाकुर संभाल रहे हैं.


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