Satpura Bhavan Fire News: राजधानी भोपाल (Bhopal) के सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) में लगी आग को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) का बयान सामने आया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि सतपुड़ा भवन में हुई आगजनी में विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग चार हजार से अधिक अधिकारी, कर्मचारी सुरक्षित हैं. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सतत मॉनिटरिंग और निर्देशन में सभी एजेंसियों ने एकजुट होकर आगजनी पर काबू पाने के लिये कार्य किया है. एयरफोर्स, बीएचईएल, नगर निगम, मंत्रालय और आसपास के समस्त फायर बिग्रेड ने समन्वित प्रयास पर आग पर बखूबी काबू पाया है.
प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि आग से प्रभावित कार्यालयों में किसी भी प्रकार के पर्चेसिंग और टेंडरिंग संबंधी दस्तावेज नहीं थे. अन्य डाटा के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की जानकारियां हार्डडिस्क से रिकवर हो जाएंगी, इसमें थोड़ा परिश्रम की आवश्यकता होगी. उन्होंने ने बताया कि सतपुड़ा भवन में संचालित कार्यालयों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही की जाएगी, आज सतपुड़ा भवन के समस्त कार्यालयों के लिये अवकाश घोषित किया गया है.
39 दमकलों से पाया आग पर काबू
आग को काबू करने के संबंध में जानकारी देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सतपुड़ा भवन में लगी आगजनी पर काबू पाने के लिये दो हाइड्रोलिक समेत नगर निगम की कुल 28, पुलिस की 4, सीआईएसएफ की 2, एयरपोर्ट की 2, बीएचईएल की 1, आर्मी की 2 कुल 39 फायर बिग्रेड ने संयुक्त रूप से एकजुट होकर कार्य किया. साथ ही भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, वर्धमान ग्रुप और ट्राइडेन्ट ग्रुप के अग्निशमन संबंधी उपकरण भी उपयोग किए गए.
षडय़ंत्र बताने वाले तथाकथित लोगों की बुद्धि आता है तरस- नरोत्तम मिश्रा
सतपुड़ा भवन में आगजनी के बाद से राजनीति भी चरम पर है. मध्य प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस आगजनी को षड़यंत्र बता रही है. मीडिया को संबोधित करते हुए गृहमंत्री मिश्रा ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शॉर्ट सर्किट से लगी आग को षड्यंत्र बताने वाले तथाकथित लोगों की बुद्धि पर तरस आता है, वह भी उस समय जब कार्यालय में हजारों अधिकारी, कर्मचारियों की मौजूदगी हो. इस प्रकार के निराधार और बेबुनियाद आरोप बताते हैं कि कुछ लोग विपत्ति में सहायता के स्थान पर राजनैतिक अवसर तलाश रहे हैं.
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