Bhopal News: भोपाल में संवारी जाती हैं साधु-संतों की जटाएं, देश के पहले 'ब्रेडिंग स्टूडियो' की शुरुआत
Bhopal Brading Studio: ब्रेडिंग आर्टिस्ट करिश्मा शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने लट रखनी शुरू की, तब महसूस किया कि इसका ख्याल रखना मुश्किल है. इसके बाद उन्होंने ब्रेडिंग स्टूडियो खोलने का फैसला लिया.
Brading Studio in Bhopal: अपनी उलझी जटाओं से परेशान रहने वाले साधु-संतों का राजधानी भोपाल में विशेष ध्यान रखा जाता है. भोपाल में देश का पहला ब्रेडिंग स्टूडियो है. इस स्टूडियों में साधु-संतों की जटाएं संवारी जाती हैं. पिछले डेढ़ साल के अंतराल में सैकड़ों साधु-संत इस स्टूडियो में पहुंच चुके हैं.
बता दें, साधु-संतों के लिए जटाओं का विशेष महत्व होता है. खासतौर पर नागा साधुओं के लिए 17 शृंगारों में पंचकेश का खास महत्व है. इसमें संतों की लटें पांच बार घूमकर जटा का रूप ले लेती हैं. रख रखाव के अभाव में कई साधु-संतों की जटाएं टूट जाती हैं, तो कई साधु-संत तो सुई-धागे की मदद से अपनी जटाओं को गूथकर रखते हैं.
देश का पहला ब्रेडिंग स्टूडियो
साधु-संतों की इस परेशानी को देखते हुए भोपाल की ब्रेडिंग आर्टिस्ट करिश्मा शर्मा ने भोपाल में ब्रेडिंग स्टूडियो खोला है. करिश्मा बताती हैं कि जब मैंने जटा की एक लट रखना शुरू किया तो अनुभव किया कि इसका रखरखाव कितना कठिन है. इस बीच मैं काशी और उज्जैन में साधु-संतों से मिली तो देखा की साधुओं की जटाएं टूटी हैं. सूई धागे की मदद से साधु संतों ने अपनी जटाओं को गूथ रखा है. उनकी इस परेशानी को देखते हुए मैंने ब्रेडिंग आर्टिस्ट बनने का निर्णय लिया.
करिश्मा शर्मा ने बताया कि शुरुआत में साधुओं को उन्हीं के स्थान पर जाकर सेवाएं दीं. बाद में मैंने भोपाल में ब्रेडिंग स्टूडियो खोलने का निर्णय लिया. करिश्मा बताती हैं कि महज डेढ़ साल के अंतराल में कई साधु-संत उनके स्टूडियो पर अपनी जटाओं को संवरवाने आ चुके हैं.
दुर्गंध दूर कर पारे का सहारा
करिश्मा बताती हैं कि साधु-संत नदियों के पानी से ही अपनी जटाएं धोते हैं. जटाओं में दुर्गंध न आए, इसके लिए वह अपनी जटाओं के बीच पारे को रखते हैं. पारे से साधु-संतों की जटाओं में दुर्गंध नहीं आती.