Bhopal Gas Tragedy: मध्य प्रदेश के भोपाल में आज ही के दिन गैस त्रासदी हुई थी. आज से 37 साल पहले भोपाल में यूनियन कार्बाइट इंड़िया लिमिटेड़ के प्लाट से गैस का रिसाव हुआ था. लोग आज भी उस घटना को सोचकर सहम जाते हैं. आज के ही दिन 2-3 दिसम्बर की रात पूरा शहर सो रहा था उसी समय गैस का रिसाव शुरु हुआ और शहर की हजारो लोग मारे गए.
15000 से अधिक मौतें हुईं
बता दें कि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड़ नामक कंपनी के कारखाने से गैस का रिसाव हुआ. इसमें लगभग 15000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और कई शारीरिक रुप से अपंगता के शिकार हुए थे. इस त्रासदी में कई लोग अंधे, लूले और बहरे हो गए थे. इसमें बुरा हाल उन परिवारो का हुआ जिनके घर का वह चिराग बुझ गया जो घर का खर्च चलाता था.
आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला
गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों के परिवारों को हर महीने एक हजार की सहयोग राशि तो मिली पर अधिकांश ऐसी भी महिलाएं थीं जिनकों सहयोग राशि में वायदे के अलावा कुछ हासिल नहीं मिला. इसमें 500 से अधिक महिलाएं है. सरकार ने 2011 में विधवा पेंशन की शुरुआत तो की पर अभी भी कई महिलाओं की फाइल लम्बित है.
न्याय का आज भी इंतजार
भोपाल गैस कांड़ को आज 37 वर्ष तो पूरे तो हो गए पर आजतक उन परिवारो को न्याय नहीं मिला है. आज के दिन पीड़ित के परिवार के साथ बड़ी संख्य़ा में लोग त्रासदी के पीड़ितो के स्मारक पर जा कर हर साल उनको याद करते है यह तथा यह उम्मीद जताते है कि उन सभी परिवारो को उचित न्याय मिले जिन्होंने इस त्रासदी में अपने परिवार के सदस्यों को खोया है.
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