Bhopal Gas Tragedy: साल 1984 3 दिसंबर को भोपाल में कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र से जहरीली गैस के रिसाव ने कहर ढाया था. इस घटना को 37 साल हो गए हैं पर आज भी इस घटना की यादें ताजा है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों को सदियों तक सालने वाला दर्द दे गई. 3 दिसंबर 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र से जहरीली गैस का रिसाव हुआ. इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हुई, जबकि घायल होने वालों की तादाद भी हजारों में थी. इसके साथ ही इस हादसे से अजन्मे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर भी सवालिया निशान लग गया.


आज तक नहीं मिला पीड़ितों का न्याय
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 के गैस त्रासदी के पीड़ितों के हित में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने बुधवार को आरोप लगाया कि 37 साल गुजर जाने के बावजूद प्रदेश और केंद्र की विभिन्न सरकारें दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के दोषियों को सजा दिलाने में नाकाम रही हैं. यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के कीटनाशक संयंत्र से 2-3 दिसंबर, 1984 की मध्यरात्रि गैस के रिसाव के कारण पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे और 15,000 से अधिक लोग मारे गए थे. यह कारखाना भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित था.


प्रार्थना सभा का किया गया आयोजन
राज्य सरकार के एक बयान में कहा गया है कि आपदा की 37वीं बरसी पर भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए 3 दिसंबर को सुबह 11.30 बजे भोपाल के बरकतुल्ला भवन (केंद्रीय पुस्तकालय) में श्रद्धांजलि और प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा .इस प्रार्थना सभा में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक नेता भी शामिल होंगे.


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