MP News: यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की सफाई पर पीथमपुर में विरोध, सरकार ने क्या कहा?
Bhopal Gas Tragedy: यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को नष्ट करने का काम शरू किया गया है. इस बीच पीथमपुर में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिय है. हालांकि अब सरकार की ओर से सफाई पेश की गई है.
भोपाल में हुए गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड जहरीले कचरे के पीथमपुर में हो रही सफाई को लेकर जमकर विरोध हो रहा है. अब सरकार की ओर से जवाब दिया गया है. इसके साथ जहरीले कचरे की सफाई की प्रक्रिया में बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी साझा की जा रही है. इसके अलावा पूरे मामले पर सरकार ने अपना पक्ष साफ किया है.
गैस रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन के संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया है कि केन्द्र सरकार की ओवर साइट कमेटी के निर्देशों और सुपरविजन के मुताबिक यूनियन कार्बाइड के शेष बचे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को हटाने की कार्यवाही की जा रही है.
स्वतंत्र कुमार सिंह बताया कि 337 मीट्रिक टन यूसीआईएल कचरे की पैकिंग, लोडिंग और परिवहन सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मापदंडों के मुताबिक और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ विशेष 12 कंटेनरों से किया जायेगा. कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और क्विक रिस्पाँस टीम रहेगी. यह कंटेनर लीक प्रूफ एवं फायर रेजिस्टेंट हैं. प्रति कंटेनर में 2 ट्रेंड ड्राइवर नियुक्त किये गये हैं.
भोपाल से पीथमपुर ग्रीन कॉरिडोर में जाएगा कचरा
इन कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस द्वारा मॉनिटर किया जायेगा. जहरीले कचरे की गाड़ी के लिए भोपाल से पीथमपुर टीएसडीएफ तक एक ग्रीन कॉरिडोर जल्द बनाया जाएगा. जिससे गाड़ियां बिना रुके जल्द से जल्द पीथमपुर पहुंच जाए. उल्लेखनीय है कि पीथमपुर में चल रहे विनिष्टीकरण को लेकर लोगों द्वारा मोर्चा खोल दिया गया है. इस संबंध में सरकार के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही है, जिसमें जनप्रतिनिधियों की शिकायतें भी शामिल है. इसके बाद सरकार की ओर से अपनी सफाई दी गई है.
प्रदेश में पीथमपुर में एकमात्र प्लांट
संचालक श्री सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक और दूसरे जहरीले कचरे के निष्पादन के लिये धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां पर भस्मीकरण से जहरीले पदार्थों का नष्ट किया जाता है. यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों से निकलने वाले जहरीले कचरे को नष्ट करने के लिए स्थापित किया गया है.
श्री सिंह ने कहा कि यह प्लांट सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार संचालित है. सीपीसीबी की मॉनिटरिंग में सभी निर्धारित पैरामीटर अनुसार सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 10 मीट्रिक टन जहरीले कचरे की विनिष्टिकरण का ट्रॉयल रन-2015 में किया गया. शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक जहरीले कचरे का निष्पादन 19 जून 2023 के अनुक्रम में किया जा रहा है.
सिंहस्थ 2028 को लेकर अहम निर्णय, उज्जैन की प्रमुख सड़कों का होगा चौड़ीकरण, कब से शुरू होगा काम?