Bhopal News: गर्भवती महिला की मौत से आक्रोशित परिजन, अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप, इंदौर-भोपाल हाईवे किया जाम
MP News: पीड़ित परिजनों के अनुसार, इमोटेक अस्पताल की लापरवाही की वजह से प्रेग्नेंट महिला की मौत हुई. इस मामले पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.
Bhopal Pregnant Woman Death: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर खासे गंभीर हैं, लेकिन उनके ही विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक नहीं है. शुक्रवार को भोपाल के निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई. मृतक प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि बुधनी विधानसभा के नसरुल्लागंज में स्थित इमोटेक अस्पताल की लापरवाही से उसकी मौत हुई. मृतक नेहा की मौत से परिजन बिफर गए और नसरुल्लागंज के इंदौर-भोपाल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. दोपहर तीन बजे से शुरू किया चक्काजाम का सिलसिला दोपहर 3.45 बजे तक जारी रहा.
जानकारी के अनुसार नसरुल्लागंज निवासी नेहा माहेश्वरी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने उन्हें नसरुल्लागंज के निजी अस्पताल इमोटेक में भर्ती कराया था. रिंकेश माहेश्वरी, मनोज माहेश्वरी परिजन का आरोप है कि निजी अस्पताल इमोटेक में डॉक्टर्स ने दो दिन तक भर्ती रखा, लेकिन जब हालत बिगड़ने लगी तो अचानक भोपाल जाने के लिए कह दिया. परिजन पीड़िता को भोपाल ले गए जहां उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां हालत बिगडने की वजह से नेहा की जान नहीं बच सकी. परिजन का आरोप है कि इमोटेक अस्पताल प्रबंधन द्वारा की लापरवाही की वजह से नेहा की मौत हुई और उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए.
चक्काजाम से थमे वाहनों के पहिए
नेहा की मौत से परिजन बिफर हो गए और नवजात बच्चे को लेकर नसरुल्लागंज के इंदौर-भोपाल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. दोपहर 0.3 बजे से शुरू किया गया चक्काजाम का सिलसिला 3.45 बजे तक जारी रहा. चक्काजाम की वजह से इंदौर-भोपाल हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाईनें लग गई थी. चक्काजाम की सूचना मिलते ही मौके पर थानाप्रभारी, एसडीएम सहित पुलिस बल पहुंच गए और समझाइश के बाद चक्का जाम को खत्म करवाया, लेकिन परिजन नहीं मानें. परिजनों कहना था कि इमोटेक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर कर अस्पताल को सील किया जाए.
तीन महीने में दो की मौत
बता दें कि नसरुल्लागंज के अस्पताल इमोटेक में प्रसव पीड़ा से मौत का पहला मामला नहीं है. तीन महीने पहले भी इमोटेक अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई थी. तब भी यह अस्पताल की लापरवाही खूब सूर्खियों में आई थी. परिजनों ने हंगामा कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर की मांग की थी. यहां परिजनों का कहना था कि अस्पताल को बीजेपी नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है, इसी वजह से अस्पताल प्रबंधन बैखोफ है.
जांच के लिए कमेटी गठित
बता दें कि इमोटेक अस्पताल पर लगाए गए परिजनों के आरोपों के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया. यह समिति जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपेगी. जांच होने के बाद इमोटेट अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी.