Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में अब आबकारी विभाग होमगार्ड के जवानों की मदद से शराब बेचेगा. प्रदेश में सस्ती शराब के लिए नई आबकारी नीति  (New Excise Policy) आने के बाद अपना मुनाफा कम होने के कारण ठेकेदारों ने शराब दुकानों के ठेके उठाने में रूचि नहीं दिखाई है. प्रदेश में लगभग 40 फीसदी दुकानों के ठेके अभी तक नहीं उठे हैं. हालात ऐसे बन रहे हैं कि एक अप्रैल तक ठेके नहीं उठे तो आबकारी विभाग  (Excise Department) को ही शराब बेचनी पड़ेगी.


नीलामी के लिए बचा सिर्फ आज का दिन
इसके पहले कोरोना काल में शराब ठेकेदारों के दुकानें नहीं लेने पर ऐसी नौबत आई थी. प्रदेश के किसी भी बड़े शहर में सारी शराब दुकानों के ग्रुप नहीं गए है. भोपाल  (Bhopal), इंदौर (Indore), ग्वालियर  (Gwalior) और जबलपुर  (Jabalpur) में 25 फीसदी दुकानों के ठेके नहीं उठे हैं. आबकारी विभाग के पास दुकानों की नीलामी के लिए अब सिर्फ आज का दिन बचा है. इसके बाद भी सारी दुकानें नहीं गईं तो विभागीय अमले और होम गार्ड्स की मदद से दुकानें चलानी पड़ेंगी.


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आबकारी विभाग ने दिए ये निर्देश
आबकारी मुख्यालय ने प्रदेश के सभी संभाग और जिलों के अधिकारियों को जिलों के कर्मचारियों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में एक दुकान के संचालन के लिए 3 कर्मचारियों की जरूरत के हिसाब से होमगार्ड और आउट सोर्स एजेंसी से कर्मचारी लिए जाएंगे. पिछले दिन में जबलपुर और भोपाल में कोई दुकान नहीं उठी. 


यहां के सभी टेंडर होल्ड पर
तीन ग्रुप के लिए ठेकेदार आगे आए, लेकिन रिजर्व प्राइस से कम में टेंडर भरे हैं इसलिए होल्ड कर दिया गया. ग्वालियर के 8 ग्रुप के लिए 9 टेंडर डाले गए, लेकिन सभी टेंडर को होल्ड पर रखा गया है. 2 ग्रुप के टेंडर पहले से होल्ड पर हैं. जिले की 112 में से 63 शराब दुकानों के टेंडर हो चुके हैं और 49 दुकान के टेंडर बाकी है.


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