MP News: राजधानी भोपाल में पांच महीने बाद भी नहीं आ सकी शराब सैंपलों की जांच रिपोर्ट, अफसरों के पास नहीं है कोई जवाब
जुलाई में इंदौर में 5 लोगों की मौत मिलावटी शराब पीने से होने के बाद भोपाल में अगस्त में आबकारी विभाग की टीम ने शहर की 40 शराब दुकानों से 35 सैंपल लिए गए थे. अबतक इन सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आ पाई है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश में नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए सरकार सख्ती की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जिन विभागों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है, वह पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं. राजधानी भोपाल की बात करें तो मिलावटी शराब का खुलासा होने के बाद आबकारी अमले ने 40 दुकानों से विभिन्न ब्रांड के नमूने लिये गये थे और इसे जांच के लिए इंदौर स्थित लैब में भेजा गया था, लेकिन 5 माह बाद भी रिपोर्ट नहीं आ सकी.
कुछ यही हाल खाद्य एवं औषधि प्रशासन का है. विभाग के अमले ने अगस्त माह में शराब के नमूने लिये थे, लेकिन आजतक भी प्रयोगशाला से रिपोर्ट जारी नहीं हो सकी. यह हालात तब हैं, जब प्रदेश में लगातार जहरीली शराब से लोगों के मरने के मामले सामने आ रहे हैं. रिपोर्ट जारी क्यों नहीं हो रही है, इसे लेकर अफसरों के पास भी कोई जवाब नहीं है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार मिलावट को लेकर कितने गंभीर है.
जुलाई में हुई पांच मौतों के बाद भोपाल में लिये गये थे 35 सैंपल
जुलाई में इंदौर में 5 लोगों की मौत मिलावटी शराब पीने से होने के बाद भोपाल में अगस्त में आबकारी विभाग की टीम ने शहर की 40 शराब दुकानों से 35 सैंपल लिए गए थे. इसमें एमडी, रॉयल स्टेग, रॉयल चैलेंज, ब्लेंडर्स ब्रांड के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे. ये सैंपल सबसे पहले भोपाल में भदभदा रोड स्थित एफएसएल लैब में भेजा, लेकिन यहां नमूनों की अधिकता की बात कहते हुए जांच से मना कर दिया गया था. बाद में इन सैंपलों को जांच के लिए इंदौर की एफएसएल लैब में भेजा गया है, लेकिन आलम ये है कि अब तक इन सैंपलों की जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है.
समय सीमा तय फिर भी बरती जा रही लापरवाही
खाद्य एवं औषधि में लीगल सेंपलों की जांच रिपोर्ट 14 दिनों में प्रयोगशाला को जारी करना अनिवार्य है. इसका पालन सरकारी से लेकर निजी लैब तक को करना होता है. यही नहीं समय लगने पर वरिष्ठ अफसरों को लिखित जानकारी देनी होती है. बावजूद इसके शराब के नमूनों में इसका पालन नहीं हो रहा है. अभी तक न तो रिपोर्ट जारी की गई और न ही वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी दी गई.
सैंपल लेने से भी बचता है खाद्य एवं औषधि का अमला
खाद्य एवं औषधि प्रशासन को शराब की जांच के अधिकार हैं. गौरतलब है कि राजधानी में 92 अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं. खासबात यह है कि विभाग ने सिर्फ पांच दुकानों से ही सैंपल लेने की कार्रवाई की. भोपाल में शराब के कई ब्रांडों के सैम्पल लिए गए गए थे. सभी को जांच के लिए इंदौर भेजा गया था, लेकिन अभी तक लैब से रिपोर्ट जारी नहीं हो सकी है. अधिकारियों के मुताबिक शराब के चार नमूने लिये गये थे, इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में जमा किया गया था, जिसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है.
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