Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का पशुधन संवर्धन के मामले में भारत में उत्कृष्ट स्थान रहा है लेकिन मौसमी और संक्रमित बीमारियां मध्य प्रदेश के पशुधन को हमेशा से प्रभावित करती रही हैं. ऐसा ही प्रभाव लंपी अटैक के कारण देखने को मिल रहा है लेकिन राजधानी भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में अभी लंपी (Lumpy Skin Disease) अटैक का सीधा प्रभाव नहीं देखा जा रहा है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में अचानक से पशु चिकित्सकों के पास दुधारू पशुओं के उपचार को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. साथ ही साथ पशु चिकित्सालय में भी लगातार बीमार पशुओं की संख्या बढ़ रही है. 


वैक्सीनेशन से कम हुआ खतरा
कई पशुओ में लंपी अटैक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. वहीं पशु चिकित्सकों का मानना है कि भोपाल में बीते साल लंपी वायरस का बड़ा असर था. उसके बाद टीकाकरण अभियान चलाया गया साथ ही साथ पशुओं में इम्यूनिटी लेवल डिवेलप हो जाने के कारण क्षेत्र में इस वर्ष लंपी अटैक का खतरा कम हो गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष लगभग 32,000 पशुओं में इस वायरस की पुष्टि की गई थी जिनमें से 25 हजार से अधिक संक्रमित पशु केवल भोपाल क्षेत्र के आसपास में पाए गए थे जिसकी रोकथाम के लिए भोपाल और आसपास के चिकित्सकों द्वारा लगभग 3 माह तक सघन वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया था.


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सीएम ने जारी किए सख्त निर्देश
इस बीमारी के संबंध में जब मीडिया ने पशु संचनालय के उप संचालक डॉ अजय रामटेके से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह पशुओं में वायरस के द्वारा फैलने वाली बीमारी है. यह बीमारी बांग्लादेश से होते हुए भारत पहुंची थी जिसने सीमावर्ती राज्य सहित मध्य प्रदेश को भी प्रभावित किया था. वहीं मध्यप्रदेश में पशुओं में लंपी बीमारी पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं. सीएम ने कहा है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. मवेशियों में वायरस के लक्षण दिखने पर तुरंत ही पशु चिकित्सालय और राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल में स्थापित कंट्रोल रूम के फोन नंबर 0755-2767583 पर संपर्क कर सकते हैं.


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