Madhya Pradesh News: बरसात बीतने और उसके बाद जलजमाव और अन्य वजहों से डेंगू (Dengue Cases in MP) के मामलों में बढ़ोतरी होने लगती है लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल में इस बार डेंगू के मामलों में कमी आई है. शहरवासियों पर इसबार डेंगू का खतरा कम रहा. स्वास्थ्य विभाग इस खतरनाक बीमारी को लेकर काफी सतर्क रहा जिसका परिणाम सामने आया है. लोगों ने भी काफी सावधानी बरती. भोपाल (Bhopal Dengue Cases) में पिछले साल के डेंगू मरीजों की तुलना में इसबार आधे मरीज पाए गए हैं. डेंगू का कहर कम होने से स्वास्थ्य विभाग ने थोड़ी राहत की सांस ली है.


अधिकारी ने क्या बताया
भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार डेंगू के मामलों की संख्या आधी है. इस महीने (अक्टूबर) में लगभग 125 मामले पाए गए हैं और हर दिन 3-5 मरीजो को डिटेक्ट किया जा रहा है. साथ ही, डेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने की कोशिश भी की जा रही है.


अबतक 330 मामले आए
बता दें कि भोपाल शहर में इसबार डेंगू मुक्त अभियान के तहत लगातार फॉगिंग कराई गई और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक किया गया. डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई कदम उठाए. भोपाल में इस साल अबतक डेंगू के 330 मामले सामने आ चुके हैं. पूरे राज्य की बात करें तो एमपी में अबतक 1600 डेंगू के मामले सामने आए हैं. पूरे मध्य प्रदेश में डेंगू के 21 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए.


काफी खतरनाक है डेंगू
बता दें कि डेंगू एक गंभीर जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होता है, इसलिए मच्छरों से बचाव बहुत जरूरी है. मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घरों में पानी जमा नहीं होने देने की सलाह दी जाती है. डेंगू मरीजों को समय रहते ठीक इलाज नहीं मिलने पर जान को खतरा रहता है. इसके लक्षण तेज बुखार और शरीर में दर्द हैं. अगर किसी को डेंगू बुखार है और उसे मच्छर काट ले और इसके बाद वही मच्छर किसी और को काट ले तो उस व्यक्ति को भी डेंगू हो जाता है. मच्छरों के काटने से मलेरिया और अन्य बीमारियां भी होती हैं.


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