Madhya Pradesh Budget 2022: 8 मार्च को पेश होगा बजट, इस वजह से गड़बड़ाया सरकार का गणित, विपक्ष घेरने की तैयारी में
Madhya Pradesh Budget: राजनीतिक दल एक दूसरे पर आदिवासियों के साथ छल करने का आरोप लगाते रहे. विधानसभा सत्र करीब आने के साथ फिर से आदिवासी मुद्दे उछालने लगे हैं.
Madhya Pradesh Budget: मध्य प्रदेश में 8 मार्च को बजट पेश होने जा रहा है लेकिन इस बजट में राज्य सरकार के लिए रोड़ा बने हुए हैं आदिवासी जिसके लिए जोड़-तोड़ किया जा रहा है. केंद्र से भी अपेक्षा के अनुरूप मदद नहीं मिलने से भी राज्य का गणित गड़बड़ाया है. प्रयास यह है कि इस वर्ग की योजनाएं चलती रहें. विकास कार्य प्रभावित ना हो. प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के लिए योजनाओं की कमी नहीं है, कमी तो सिर्फ बजट की. चालू वित्तीय वर्ष में भी कई घोषणाएं की गई लेकिन बजट की कमी बाधा बन रही है.
चार हजार करोड़ की आई कमी
योजनाओं के लिए केंद्र से राशि लाने में भी अधिकारी पिछड़े हैं. आदिवासी उपयोजना में बजट की कमी के कारण राजनीति भी खूब हुई है. पिछले दो विधानसभा सत्र में आदिवासी वर्ग राजनीति का केंद्र बिंदु रहा. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल एक दूसरे पर आदिवासियों के साथ छल करने का आरोप लगाते रहे. विधानसभा सत्र करीब आने के साथ फिर से आदिवासी मुद्दे उछालने लगे हैं. कांग्रेस ने सदन में सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. आदिवासी उपयोजना में वर्ष 2019-20 और 2021 के बीच 4 हजार करोड़ रुपये की कमी आई है. यह कमी केंद्र और राज्य के अंश की है.
जनजाति वर्ग विभाग के चालू वित्तीय वर्ष के बजट पर नजर डाली जाए तो उत्कृष्ट सीनियर छात्रावास, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, युवा उद्यमी योजना का बजट भी है. अनुसूचित जनजाति संस्कृति का परीक्षण विकास एवं देवठान के बजट में भी कटौती की गई. 2019-20 में 33, 099 हजार रुपये खर्च हुए. चालू वित्तीय वर्ष में राशि घटाकर 8000 रुपये कर दी गई. कन्याओं को शिक्षण हेतु प्रोत्साहन योजना कक्षा ग्यारहवीं के लिए 2019-20 में 1,12,500 हजार रुपये खर्च हुए. 2020-21 में एक हजार बजट का प्रावधान किया गया लेकिन चालू वित्तीय वर्ष 2021-20 बजट मैं शून्य रखा गया.
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