MP News: केंद्र ने पंचायतों की फिजूल खर्चों पर लगाई रोक, अब सिर्फ इस काम के लिए मिलेगा पैसा
Madhya Pradesh: पंचायतों में लगातार मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार एक्शन मोड में है क्योंकि विकास कार्यों और स्वच्छता पर ध्यान नहीं देने की बात सामने आती है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में 7 साल बाद हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद केंद्र (Central government) और राज्य सरकार (Government of Madhya Pradesh) से मिलने वाले अनुदान में से कुछ अनुदान राशि पर इस बार पंचायतों में रोक लग गई है. केंद्र सरकार अब सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और सामाजिक काम में ही राशि देगी. बाकी राज्य सरकार की तरफ से पंचायतों (MP panchayats) को गाइडलाइन भेज दी जाएगी. पंचायतों में लगातार मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र सरकार एक्शन मोड में है क्योंकि लगातार पंचायतों से विकास कार्यों और स्वच्छता पर गांव में ध्यान नहीं देने की बात सामने आती है. इस बार अब केंद्र सरकार ने पंचायतों को देने वाली राशि पर रोक लगा दी है.
कमाकर करना होगा विकास
अब सिर्फ पचांयतों को ही खुद ही गांव के अंदर से ही ओपन जिम, मैरिज गार्डन, पर्यटन से पैसा कमाकर खुद ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करने होंगे. जिन पंचायतों में 5000 से अधिक आबादी होगी उन पंचायतों में मिनी साइंस सेंटर भी खोल सकते हैं. राज्य वित्त आयोग के 1900 करोड़ की किस्त जारी करने के साथ ही यह गाइडलाइन भी तय हो गई है. पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह व्यवस्था पहले भी थी लेकिन अन्य कार्यों के रूप में दर्ज थी लेकिन अब इसे स्पष्ट कर दिया गया है.
अधिकारी ने इसपर क्या कहा
अधिकारी ने बताया कि, केंद्र सरकार द्वारा पंचायतों में होने वाले गौशाला निर्माण, सरकारी भवनों की बाउंड्री वाल, सीसी रोड के साथ पक्की नाली, एलईडी स्ट्रीट और सौर ऊर्जा लाइट लगाना इंफ्रास्ट्रक्चर के काम महत्वपूर्ण हैं जिनकी राशि देंगे. पुलिया बनाने की राशि केंद्र द्वारा आएगी. बाकी पंचायतों द्वारा ही खुद पंचायत को ही राशि जुटानी है. कमाई के लिए पर्यटन की जगह है तो उसे विकसित करें, हाट बाजार का निर्माण, दुकानों के साथ यात्री प्रतिक्षालय बनाना, बस स्टैंड पर दुकानों का निर्माण, आर ओ वाटर प्लांट की स्थापना, कम दर पर पानी उपलब्ध करना, मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाइब्रेरी बनाना, सार्वजनिक चिल्ड्रन पार्क बनाना, छायादार स्थान पर बुजुर्गों के लिए चौपाल लगाना.