Bhopal News: बाघ की दहशत से 6 दिन से हॉस्टल में कैद 5 हजार स्टूडेंट, CCTV में दिखा, वन विभाग का सर्च ऑपरेशन जारी
MP News: वन विभाग की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है. फिलहाल कैमरो में बाघ कैप्चर हो गया. तालाब किनारे बाघ के फुटप्रिंट मिले हैं.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के मैनिट मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में अध्ययनरत पांच हजार स्टूडेंटस बाघ की दस्तक से दहशत में हैं. संस्थान के करीब तालाब में बाघ बीते छह दिन से पानी पीने आ रहा है. बाघ की दस्तक की वजह से स्टूडेंट हॉस्टल में ही रहने को मजबूर हैं. इधर बाघ पर नजर रखने के लिए वन विभाग (Forest Department) के छह कैमरे लगाए गए हैं लेकिन पांच दिन तक इन कैमरों में बाघ की कोई मूवमेट कैद नहीं हो पाई थी. शनिवार को कैमरें में बाघ कैप्चर हो गया. वन विभाग ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.
तालाब किनारे मिले फुटप्रिंट
इधर मैनिट मैनेजमेंट ने भी बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा रखी है. डीएफओ आलोक पाठक के अनुसार बाघ मैनिट के अंदर ही है. वन विभाग की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है. फिलहाल कैमरो में बाघ कैप्चर हो गया. तालाब किनारे बाघ के फुटप्रिंट मिले हैं. पिछले तीन दिन से तालाब के किनारे बाघ के फुटप्रिंट मिल रहे हैं. 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी सर्चिंग कार्य में जुटे हैं.
ऑनलाइन क्लास को मजबूर
इधर बाघ की दहशत से मैनिट के पांच हजार स्टूडेंटस हॉस्टल में रहने को मजबूर हैं. बाघ की दस्तक के चलते मैनिट प्रबंधन ने स्टूडेंटस को हॉस्टल से निकलने पर प्रतिबंध लगा रखा है. मजबूरी में स्टूडेंटस हॉस्टल में ही ऑनलाइन पढाई कर रहे हैं. मैनिट परिसर में स्टूडेंटस के साथ ही कई परिजनों का भी निवास है. इन परिजनों ने यहां गाय भी पाल रखी है. गाय के शिकार के लिए बाघ की आवक बनी हुई है.
छात्र ने क्या बताया
एक छात्र प्रियांशु ने बताया कि, हॉस्टल से ही ऑनलाइन क्लास में पढाई कर रहा हूं. यहां बाघ की वजह से दहशत का माहौल है. बाघ को लेकर छात्र-छात्राएं डरे हुए हैं लेकिन अभी तक उसका अता पता नहीं है. बाघ को वन विभाग की टीम अभी तक पकड़ नहीं पाई है.
कैसे आया बाघ मैनिट में
मैनिट मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान 600 एकड़ में फैला हुआ है. यहां घना जंगल है जिससे लगा हुआ कालियासोत कैरवा डेम आता है. यहां से घूमते हुए टूटी दीवार से अंदर मैनिट में बाघ आ गया. सबसे खास बात यह है कि पूरे देश में भोपाल ही मात्र एक ऐसा शहर है जिससे पांच से सात किलोमीटर दूर जाते ही टाईगर रिजर्व लग जाता है. ऐसा कोई शहर नहीं है जहां पांच से सात किलोमीटर बाद ही टाईगर रिजर्व जंगल लगता हो.