Bhopal News: मध्य प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने पर सियासत गर्माने लगी है. नगर निगम ने राजधानी के तीन स्थानों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी जहां कलंक को धोने की बात कर रही है तो कांग्रेस भोपाल का ही नाम बदलने की मांग कर रही है. राज्य में होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया जा चुका है, वहीं हबीबगंज रेलवे स्टेशन को अब रानी कमलापति के नाम से पहचाना जाता है. इसी क्रम में भोपाल के स्थानों के नाम बदलने की पहल शुरू हुई है.


सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने की इन जगहों का नाम बदलने की मांग
नगर निगम की गुरुवार को हुई बैठक में राजधानी के दो नामों को बदलने का प्रस्ताव रखते हुए क्षेत्रीय सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इन स्थानों में हलालपुरा बस्ती, लालघाटी और हलालपुर बस स्टैंड के नाम को गुलामी का प्रतीक बताते हुए कहा, हलाल नाम अशुद्ध है, इसे हटाया जाना चाहिए. मेरा प्रस्ताव और अनुशंसा है कि हलालपुरा बस स्टैंड का नाम हनुमानगढ़ी बस स्टैंड रखा जाए. उन्होंने कहा कि लालघाटी चौराहे पर कई हत्याएं हुई हैं, कई वीर-वीरांगनाएं शहीद हुए, उन्हें याद कर नमन करें और चौराहे का नाम महेंद्रनारायण दास महाराज सर्वेश्वर चौराहा रखा जाए.


नगर निगम परिषद ने पारित किया प्रस्ताव
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के प्रस्ताव को नगर निगम परिषद ने पारित भी कर दिया. बीजेपी के नेता इस मामले में ज्यादा खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं मगर फैसले पर सहमति जता रहे हैं. वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने राजधानी का ही नाम बदलने की मांग कर डाली.


बीजेपी के शासन में मध्य प्रदेश हुआ कलंकित
संगीता शर्मा ने कहा है कि भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर से यह पूछना चाहती हूं कि मध्य प्रदेश भी 18 सालों से बीजेपी शासन काल में कलंकित हो चुका है, रक्त रंजित हो चुका है. नाबालिग बच्चियों के साथ रेप, गैंगरेप और उसके बाद हत्या के मामले घटित हो रहे हैं. साथ ही दलितों, आदिवासियों के साथ आये दिन अन्याय, अत्याचार, हत्या के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. क्या वह भोपाल का नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजेंगी?


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