Madhya Pradesh News: राजधानी भोपाल में नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) के द्वारा कचरा निष्पादन के लिए लैंडफिल साइट आदमपुर में लगभग 42 एकड़ क्षेत्र में आदमपुर कचरा खंती का निर्माण किया गया था, जिसमें शहर भर के लगभग 900 मीट्रिक टन प्रतिदिन के कचरे का वैज्ञानिक विधि से उपचार कर निष्पादन किया जाता है. खंती में बीते 2 दिन पहले आग लगने की खबर निकल कर सामने आई थी. सूत्रों की माने तो लगभग 6 से 7 एकड़ के क्षेत्र में पहाड़ी नुमा कचरे के ढेरों पर भीषण आग लगी हुई है, जिसका धुंआ कई किलोमीटर से उठता दिखाई देता है. आग को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम भोपाल की 8 फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) प्रयास में जुटी हैं.
एबीपी संवाददाता ने नगर निगम भोपाल के कर्मचारियों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले आदमपुर खंती में आग लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद से ही फायर ब्रिगेड का अमला आग बुझाने की कोशिश कर रहा है. एक्सपर्ट का मानना है कि ज्वलनशील मीथेन का रिसाव ऐसे कचरे के ढेरों में होता है, जिसके चलते आग को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है. एक ही स्थान पर आग नियंत्रित करने के बाद भी दूसरे स्थान पर स्वयं ही आग लग जाती है, जिसके चलते आग फैल रही है, इसीलिए नगर निगम का अमला अधिक से अधिक दमकल गाड़ियों की सहायता से कचरे को गीला करने में लगा हुआ है और गैस के रिसाव को अलग मार्ग प्रदान करने के लिए कचरे के पहाड़ों की खुदाई भी की जा रही है.
कर्मचारियों को सावधानी बरतने का निर्देश
आदमपुर खंती के निचले इलाकों में सबसे अधिक आग फैली हुई है जो कि मीथेन गैस के रिसाव के कारण लगातार बढ़ रही है. इसकी जांच के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम भी मौके पर पहुंची थी और कई बिंदुओं का ध्यान रखते हुए नगर निगम के कर्मचारियों को सावधानी बरतने का निर्देश भी दिया है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा है कि धुंआ बहुत हानिकारक है इसलिए इसको नियंत्रित करना अति आवश्यक है, क्योंकि लगातार मीथेन के रिसाव से आग लगने के कारण जो धुंआ उत्पन्न होता है वह फेफड़े संबंधी बीमारियों के लिए बड़ा ही घातक होता है. अस्थमा एवं ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए यह प्राणघातक हो सकता है, इसीलिए प्रशासन आदमपुर खंती की आग नियंत्रित करने में लगा हुआ है. लैंडफिल साइट आदमपुर खंती में आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम भोपाल एवं प्रशासन मामले की जांच कर रहा है.